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मनोज तिवारी ने तोड़ी निगम की सील, बोले- जनहित में जेल जाने को हैं तैयार

गोकलपुर गांव में सीलिंग के विरोध में बुलाई गई महापंचायत में पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी लोगों की पीड़ा सुनकर भावुक हो गए। मनोज तिवारी ने हाथ में हथौड़ा लिया और डेयरी पर लगी सील तोड़ डाली। इसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई कि अब मनोज तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा क्योंकि निगम की सील तोड़ना आपराधिक कृत्य है। लेकिन, निगमायुक्त डॉ. रणबीर सिंह ने साफ कर दिया है कि सील किसने तोड़ी यह देखना निगम का काम नहीं है। निगम संपत्ति मालिक पर ही कार्रवाई करेगा। सील न टूटे, यह जिम्मेदारी संपत्ति मालिक की थी।

जेल जाने को भी तैयार 
गोकलपुर में ग्रामीणों की ओर से सीलिंग के खिलाफ महापंचायत बुलाई गई थी। महापंचायत में ग्राम प्रधान सोनू पहलवान ने कड़े शब्दों में जनप्रतिनिधियों को खरी खोटी-सुनाई। महापंचायत में पहुंचे सांसद मनोज तिवारी ने ग्रामीणों से कहा कि 2007 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई मॉनीटरिंग कमेटी कहां सो रही थी कि अब उसे अवैध फैक्ट्रियों और डेयरियों पर कार्रवाई की याद आई। उन्होंने कहा कि आज मुझे दुख हो रहा है कि पूरी दिल्ली की जनता को भय के माहौल का सामना करना पड़ रहा है। वह सीलिंग के मुद्दे पर जनहित में जेल जाने को भी तैयार हैं, इसके लिए उन्हें जनता के सहयोग की जरूरत होगी।

‘आप’ की शह और साजिश का नतीजा है सीलिंग 
सांसद ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और हम विपक्ष में हैं। यह सीलिंग आम आदमी पार्टी की शह और साजिश का नतीजा है, ताकि लोग भाजपा सरकार पर सवाल उठाएं। दिल्ली से ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत है, जो केंद्र से मिले बजट का इस्तेमाल तक नहीं कर पा रही है। निगम को फंड नहीं दे रही है।

 

ये है पूरा मामला 
लोगों ने पूछा कि सीलिंग के नोटिस आए हुए हैं, उसका क्या करें? सांसद ने कहा कि किसी भी नोटिस का जवाब देने की जरूरत नहीं है। सांसद ने पूछा कि कितनी फैक्ट्रियां गांव में सील हुई हैं, तो लोगों ने कहा कि नोटिस मिले हैं, अब कार्रवाई होगी। इसी बीच एक व्यक्ति ने कहा कि उनकी डेयरी सील कर दी गई है। इस पर सांसद ने कहा कि चलो हम खुद वहां चलकर सील को तोड़ेंगे। इतना कहते हुए सांसद लोगों के हुजूम के साथ डेयरी पर पहुंचे और हथौड़े से सील तोड़ दी। साथ ही कहा कि अब अगर कोई अधिकारी सीलिंग करने आता है, तो उसका विरोध करो, सील मत लगाने दो।

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