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दिल्ली: गठबंधन का भंडाफोड़ होने के बाद ‘आप’ में घमासान

आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन के प्रयासों के भंडाफोड़ के बाद आम आदमी पार्टी (आप) में घमासान मच गया है। सूत्रों की मानें तो पंजाब के लिए काम कर रहे ‘आप’ के वरिष्ठ नेता एचएस फुलका की तर्ज पर ‘आप’ के कई अन्य नेताओं ने कांग्रेस से हाथ मिलाने पर पार्टी नेतृत्व को चेतावनी दी है। ऐसे में कांग्रेस से गठबंधन के लिए व्याकुल ‘आप’ को करारा झटका लग सकता है।

…तो पार्टी छोड़ देंगे 

बता दें एचएस फुलका वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। जो पिछले कई सालों से 1984 के सिख दंगे में मारे गए लोगों के परिजनों के मुकदमे लड़ रहे हैं। फुलका पंजाब की राजनीति में सक्रिय हैं। बताया जा रहा है कि कुछ माह पहले पंजाब के ‘आप’ विधायकों में हुई बगावत को फुलका ने ही शांत कराया था। कुछ समय पहले ही जब ‘आप’ ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से गठबंधन की सुगबुगाहट की थी तो उसी समय फुलका ने ‘आप’ नेतृत्व को चेतावनी दे दी थी कि यदि कांग्रेस के साथ गठबंधन किया गया तो वह पार्टी छोड़ देंगे। वहीं दिल्ली के कई नेताओं ने भी फुलका से संपर्क किया है। वे भी फुलका की राह पर चलने को तैयार हैं।

‘आप’ को गठबंधन का लाभ नहीं मिलेगा 

बताया जा रहा है फुलका ने सभी से शांत रहने को कहा है। उन्होंने अन्य नेताओं को आश्वासन दिया है कि पार्टी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे कार्यकर्ताओं के मान सम्मान को ठेस पहुंचे। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि गठबंधन से पहले ही भंडाफोड़ हो जाना ‘आप’ के लिए ही नुकसानदायक साबित होगा। इससे ‘आप’ के प्रति आम जनता में मौकापरस्ती वाली पार्टी होने की छवि बन रही है। वहीं अगर गठबंधन हो भी जाता तो भी ‘आप’ को इसका लाभ नहीं मिलने वाला था, क्योंकि ‘आप’ को उन लोगों ने वोट दिया था जो राजनीति में बदलाव चाहते थे।

बिखर सकती है आम आदमी पार्टी 

कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए लोगों ने ‘आप’ को चुना था। उनकी मानें तो राजनीति में गठजोड़ होना नई बात नहीं है, मगर ‘आप’ पर यह लागू नहीं होता है। ‘आप’ का गठन सिद्धांतों के आधार पर हुआ है। गठबंधन करने पर ‘आप’ में बिखराव भी हो सकता है। 

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