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अभ्यास कर लौट रहे भारतीय युद्धपोत की जासूसी कर रहा था चीन, जानें पूरी बात

चीन और भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ एक दूसरे के प्रतिद्वंदी भी हैं. चीन और भारत के संबंध पिछले कुछ समय में सही नहीं रहे हैं, हालांकि इन्हें पटरी पर लाने की कोशिश लगातार की जा रही है. इस बीच चीन अपनी चालाकी से बाज नहीं आ रहा है. सूत्रों की मानें तो मई के आखिरी सप्ताह में चीन ने भारतीय नेवी के एक युद्धपोत की जासूसी करने की कोशिश की.

सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि मई के आखिरी हफ्ते में भारतीय नेवी का युद्धपोत जब वियतनाम में एक्सरसाइज़ कर वापस लौट रहा था, तब उन्होंने नोटिस किया कि दूर खड़ा एक चीनी युद्धपोत उनपर नज़र बनाए हुए है. चीन की ओर से जिस भारतीय युद्धपोत पर नज़र बनाई गई थी, वह एंटी सबमरिन INS कमरोटा था.

मई के आखिरी हफ्ते में भारतीय और वियतनाम की नेवी ने साझा एक्सरसाइज़ की. भारतीय नेवी और वियतनाम की नेवी के बीच ट्रेनिंग, रिपेयरिंग, मेंटेनेंस से जुड़े कई समझौते हैं, जिनके तहत वे साथ में अभ्यास भी करते हैं. सूत्र ने इंडिया टुडे को बताया कि हमें पता था कि हमारे ऊपर नज़र रखी जा रही है, लेकिन हम उस दौरान अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में थे. भारतीय युद्धपोत उस दौरान अपनी आखिरी पड़ाव पर ही था, जब चीनी युद्धपोत उनकी निगरानी कर रहा था.

इससे पहले भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को इस बारे में अवगत कराया था कि चीन ने तिब्बत ऑटोनेमस रिजन में अपना सर्विलांस स्थापित किया गया है. जिसका उद्देश्य भारत की एक्सरसाइज़ गगन शक्ति पर नज़र बनाए रखना था. भारत को शक है कि चीन ने उनके युद्धपोत की निगरानी इसलिए की ताकि वह उसकी ताकत को भांप सके. गौरतलब है कि 72 दिनों तक चले डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के संबंधों में लगातार तल्खी बढ़ती चली गई थी. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इनफॉर्मल बैठक हुई थी, जिसके बाद रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश की गई थी.

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