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वर्ष 2021 की निरस्त हुई बोर्ड परीक्षा के परीक्षाफल के अंको के निर्धारण के सम्बन्ध में शिक्षा अधिकारियों से चर्चा की गयी

कोरोना महामारी से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के कारण छात्रों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत व्यापक छात्र हित एवं जनहित में माननीय मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री जी द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश प्रयागराज की वर्ष 2020-21 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की बोर्ड परीक्षायें निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।
     हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के पंजीकृत छात्रों के तर्कसंगत अंको के निर्धारण के सम्बन्ध में विगत कई दिनों से माध्यमिक शिक्षा विभाग की बैठके आयोजित की गईं। इसी क्रम में आज अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त शिक्षा अधिकारियों के साथ तर्कसंगत परीक्षाफल एवं अंको के निर्धारण के विषय में चर्चा की गयी।
    वीडियो कान्फ्रेसिंग में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं वित्त विहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्य तथा अभिभावक संघो के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इनके द्वारा भी अंक निर्धारण के विषय में महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। मुख्यतः इण्टरमीडिएट के परीक्षाफल के लिए यह सुझाव दिया गया कि हाईस्कूल में प्राप्त प्रतिशत, कक्षा-11 के अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा, कक्षा-12 की प्री बोर्ड परीक्षा को सम्मिलित करते हुए अंको का निर्धारण किया जाए। श्री जवाहर सिंह राठौर, प्रधानाचार्य सर्वोदय इण्टर कालेज, फतेहपुर ने यह सुझाव दिया कि हाईस्कूल परीक्षा के लिए कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा तथा कक्षा-10 की प्री बोर्ड परीक्षा अथवा अर्द्धवार्षिक परीक्षा के अंको को सम्मिलित कर परीक्षाफल बनाया जाए। इसी प्रकार श्री आत्माराम, अध्यक्ष अभिभावक संघ, फतेहपुर द्वारा यह विचार व्यक्त किया गया कि हाईस्कूल परीक्षाफल हेतु कक्षा-10 का प्री बोर्ड तथा कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा के अंको को आधार बनाया जाय। श्री जियारत हुसैन, हिन्दू मुस्लिम इण्टर कालेज, दुर्गास्थान, गाजीपुर द्वारा यह सुझाव दिया गया कि यदि कोई छात्र परीक्षा देना चाहता है तो उसे सुधार का अवसर दिया जाय तथा परीक्षा केन्द्र जिला मुख्यालय के राजकीय इण्टर कालेज में बनाया जाय। डॉ0 रामचन्द्र शुक्ला, प्रधानाचार्य, महेन्द्र टेक्निकल इण्टर कालेज, चन्दौली ने बल दिया कि प्री बोर्ड के अंको को अधिक महत्व दिया जाय। श्री अरूण कुमार सिंह, प्रधानाचार्य, राजकीय इण्टर कालेज, आगरा ने पत्राचार माध्यम से अध्ययनरत छात्रों की तरफ ध्यान आकर्षित किया। डॉ0 सुखपाल सिंह तोमर, प्रधानाचार्य, हंसनगर इण्टर कालेज, मुरादनगर, गाजियाबाद ने यह सुझाव दिया कि जो छात्र किन्हीं कारणों से प्री बोर्ड अथवा अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित रहे हैं, उन्हें न्यूनतम उत्तीर्ण अंक प्रदान कर दिया जाय। चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव ने शिक्षाविद, शिक्षकों, अभिभावकों, एवं आम जनमानस से भी अंको के निर्धारण के विषय में अपने सुझाव ई-मेल नचइवंतकमगंउपदंजपवद2021ध्हउंपसण्बवउ पर दिये जाने की जानकारी दी। छात्रध् छात्राएं भी परीक्षाफल एवं अंक निर्धारण की प्रक्रिया के सम्बन्ध में उपरोक्त ई-मेल पर अपने सुझाव दे सकते हैं।
    श्रीमती शुक्ला ने यह भी निर्देश दिया कि जब तक औपचारिक रूप से विद्यालयों में कक्षाएं प्रारम्भ नहीं हो जाती, तब तक ऑनलाइन माध्यम से कक्षाओं का संचालन किया जाए। जिला विद्यालय निरीक्षक अपने जनपद के समस्त विद्यालयों के साथ निरन्तर संवाद स्थापित करते रहें तथा ऑनलाइन कक्षाओं का पर्यवेक्षण नियमित रूप से करते रहें। समस्त मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अपने मण्डल के जनपदों में संचालित होने वाली ऑनलाइन कक्षाओं का नियमित अनुश्रवण करते रहेंगे।
   वीडियो कान्फ्रेसिंग में विशेष सचिव, श्री उदय भानु त्रिपाठी, विशेष सचिव श्री जय शंकर दुबे, शिक्षा निदेशक श्री विनय कुमार पाण्डेय सहित शासन एवं विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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