LIVE TVMain Slideदिल्ली एनसीआरदेश

केंद्र सरकार कोरोना की तीसरी लहर को लेकर हुई सतर्क

देश में कोरोना ने पिछले एक साल से अधिक समय से कोहराम मचाया हुआ है. दूसरी लहर तबाही बनकर लोगों के लिए सामने आयी तो वहीं अब एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले 3 महीनों में तीसरी लहर दस्तक दे देगी.

वहीं केंद्र सरकार और राज्य सरकारें कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सतर्क बने हुए हैं. अस्पतालों से लेकर बेड, वेंटिलेटर के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने भी केंद्र समेत दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए साफ कर दिया है कि तीसरी लहर अब ज्यादा दूर नहीं है.

एक्सपर्ट्स ने चेतावनी देते हुए साफ कर दिया है कि देश में अक्टूबर महीने तक कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे देगी. वहीं, दूसरी लहर के मुकाबले इससे बेहतर तरीके से जूझा जा सकेगा.

वहीं, एक्सर्ट्स के मुताबिक, तीसरी लहर के चलते पब्लिक हेल्थ पर एक साल और खतरा मंडरायेगा. बता दें, विश्वभर के विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों. वायरोलॉजिस्ट समेत महामारी वैजानिक के 3 जून से 17 जून के बीच किए स्पेन सर्वे के मुताबिक आने वाली इस लहर और नए प्रकोप पर नियंत्रण करने में वैक्सीनेशन अभियान एक अहम भूमिका निभाएगा.

बताया जा रहा है कि तीसरी लहर को लेकर अनुमान लगाने वालों में से 85 प्रतिशतत ने कहा कि ये लहर अक्टूबर महीने में सामने आएगी. वहीं, कुछ के मुताबिक सितंबर महीने में तीसरी लहर दस्तक दे सकती है. वहीं, 70 प्रतिश्त से अधिक जांचकर्ताओं के मुताबिक, दूसरी लहर के मुताबिक तीसरी लहर से बेहतर तरीके से जूझा जा सकेगा.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर. डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, तीसरी लहर में मामले बहुत कम सामने आएंगे जिस कारण इस पर अच्छे से नियंत्रण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि तेजी से टीकाकरण इस पर अधिक नियंत्रित किया जाएगा.

एक्सपर्ट्स से पूछा गया कि क्या बच्चों और 18 साल से कम उम्र के लोगों पर इस तीसरी लहर का अधिक खतरा होगा जिसका दो तिहाई एक्सपर्ट्स ने जवाब हां में दिया.

नेश्नल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटर हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख, डॉय प्रदीप बनंदूर के मुताबिक, इस वक्त बच्चों के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है जिस कारण स्थिति गंभीर हो सकती है.

नारायणा हेल्थ के कार्डियोलॉजिस्ट और महामारी रिस्पॉन्स प्लानिंग पर कर्नाटक सरकार के सलाहकार डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि, अगर तीसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित होते हैं और हम तैयार नहीं होते हैं तो आखिरी वक्त में कुछ भी बदल पाना संभव नहीं होगा.

उन्होंने काह कि, तीसरी लहर एक पूरी अलग तरीके की समस्या होगी. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि देश में बच्चों के लिए आईसीयू बेड्स की संख्या कम है. वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं.

Related Articles

Back to top button