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चहरे पर अगर आ रही है पिगमेंटेशन तो इस तरह से करे उसको दूर

पिगमेंटेशन का तात्‍पर्य स्किन के रंग से है. जब स्किन एकाएक अपना रंग बदलने लगता है तो इसे स्किन पिगमेंटेशन डिसऑर्डर कहा जाता है. रंग में आ रहे इस बदलाव की वजह स्किन सेल्‍स के मेलेनिन निर्माण से है.

हेल्‍थलाइन के मुताबिक, हाइपर पिगमेंटेशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके स्किन का रंग काला होने लगता है. यह स्किन पर पैच बना देता है जो दिखने में अच्‍छा नहीं लगता. इन पैच को लिवर स्‍पॉट भी कहते हैं. आमतौर पर यह चीक बोन्स के आस-पास, मुंह के करीब, माथे पर और दूसरे एरिया में दिखाई देते हैं.

पिगमेंटेशन तब होता है जब आपके चेहरे या शरीर के किसी खास हिस्से की कोशिकाएं मरने लगती हैं और उन्हें कोई पोषक तत्व या स्किनकेयर मिलना बंद हो जाता है.

ऐसे में त्वचा काली पड़ने लगती हैं. कई बार महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव की वजह से भी ये होता है. कीमोथेरेपी के बाद भी ऐसी स्थिति हो सकती है.

क्या किया जाए

-हमेशा सनस्क्रीन का प्रयोग करें. सूरज की रौशनी की वजह से जहां तक हो सके स्किन को बचाएं.

– विटामिन सी युक्‍त सीरम का प्रयोग करें. यह टायरोसिनेस की क्रिया को रोकता है जो पिगमेंट मेलेनिन के निर्माण करता है.

-विटामिन सी असामान्य मेलेनिन जमा को दूर करने में मदद करता है जो सन डैमेज से जुड़े होते हैं.

– जब भी धूप में बाहर जाएं तो छाता लेकर जाएं.

-हल्के और सांस लेने वाले कपड़े पहनें.

-अपने चेहरे को कभी भी तौलिये से न रगड़ें क्योंकि इस घर्षण से पिगमेंटेशन की समस्‍या हो सकती है.

– किसी भी फेस प्रोडक्‍ट को यूज करने से पहले सीधे अपने चेहरे पर लगाने से पहले हमेशा पैच टेस्ट करें.

घर पर कैसे करें ठीक

-एक स्‍प्रे बोतल में एप्‍पल सादडर विनेगर और पानी को बराबर मिलाएं और चेहरे पर स्‍प्रे करते रहें.

-सोने से पहले एलोवेरा जेल लगाएं.

-प्रभावित एरिया पर लाल प्‍याज का रस लगाएं.

-ग्रीन टी को ठंडाकर बोतल में रखें और इससे प्रभावित एरिया को वाइप करते रहें.

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