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दिल्ली-एनसीआर में काले घने बादल छाए भारी बारिश होने की संभावना

दिल्ली-एनसीआर में आज यानी शुक्रवार को आसमान में काले घने बादल छाए रहने के साथ भारी बारिश होने की संभावना है. इस दौरान दिल्‍ली के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद समेत आसपास के कई इलाकों में मध्‍यम से भारी बारिश तो कुछ जगह बूंदाबांदी होगी.

वहीं, मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में मध्‍यम बारिश का अनुमान जाहिर करते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिसा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देश के मैदानी इलाकों में आज (17 सितंबर) बारिश होने की संभावना जताई है.

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में रविवार तक हल्की से भारी बारिश हो सकती है. जबकि आज यानी शुक्रवार से बारिश तेज होने और वीकेंड तक जारी रहने की संभावना है.

इस दौरान पूरा दिल्ली-एनसीआर बारिश से तरबतर रहेगा. बता दें कि सितंबर के महीने में दिल्ली में 9 दिन बारिश हुई, जिसकी साल के इस समय में संभावना नहीं की जाती है. आमतौर पर बारिश वाला महीना अगस्त होता है.

मौसम विभाग ने दिल्ली में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ भारी बारिश की संभावना जताई है. यही नहीं, लगातार बारिश होने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

इसके साथ ही बारिश होने के कारण तापमान में भी भारी गिरावट देखने को मिलेगी. मौसम विभाग के मुताबिक, तापमान में 5 से 6 डिग्री सेल्सियस की कमी देखी जा सकती है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल बेहतर मानसून के कारण दिल्ली में गुरुवार को दोपहर तक 1159.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो 1964 के बाद से सबसे अधिक और अब तक की तीसरी सर्वाधिक बारिश है.

1975 में 1,155.6 मिमी और 1964 में 1190.9 मिमी बारिश हुई थी. अब तक की सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड 1933 में हुई 1,420.3 मिमी वर्षा का है. साथ ही दिल्ली में सितंबर में हुई

बारिश ने 400 मिमी के निशान को पार कर लिया है. गुरुवार को दोपहर तक हुई 403 मिमी बारिश सितंबर 1944 में 417.3 मिमी के बाद से इस महीने में हुई सबसे अधिक है.

देश में इस वर्ष मानसून लंबे समय तक बना रह सकता है, क्योंकि सितंबर के अंत तक उत्तर भारत में बारिश में कमी आने के संकेत नहीं दिख रहे हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी ) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर पश्चिम भारत से तभी वापस होता है

जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है. निचले क्षोभ मंडल में चक्रवात रोधी वायु का निर्माण होता है और आर्द्रता में भी काफी कमी होना आवश्यक है.आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘अगले दस दिनों तक उत्तर भारत से मानसून की वापसी के संकेत नहीं दिख रहे हैं.’

दिल्‍ली में गुरुवार को हुई भारी बारिश के परिणामस्वरूप शहर के कई हिस्सों में जलभराव होने के कारण यातायात प्रभावित हुआ है. लोक निर्माण विभाग के मुताबिक, पुल प्रह्लादपुर अंडरपास, महरौली-बदरपुर रोड,

आनंद पर्वत, जखीरा अंडरपास, नांगलोई, मुंडका, उत्तम नगर, रोहतक रोड, संगम विहार, डाबरी, सीतापुरी, कृष्णा नगर, मधु विहार, छतरपुर, बादली और किराड़ी जैसे इलाकों में जलभराव से लोगों परेशानी झेलनी पड़ी.

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