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PM ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- एक परिवार के लिए कईयों के योगदान को भुलाया गया

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह पहले चाणक्यपुरी में नेशनल पुलिस मेमोरियल व म्यूजियम का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने लाला किले में आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ मनाई। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने बिना नाम लिए कांग्रेस और गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला।   

लाल किले में आयोजित आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर पीएम ने कहा, ‘ये भी दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों, वो चाहें सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही, नेताजी के योगदान को भी भुलाने का प्रयास किया गया। आज मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि स्वतंत्र भारत के बाद के दशकों में अगर देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्वों का मार्गदर्शन मिला होता और भारत को देखने के लिए वो विदेशी चश्मा नहीं होता, तो स्थितियां बहुत भिन्न होती।’

प्रधानमंत्री ने कहा ‘कैंम्ब्रिज के अपने दिनों को याद करते हुए सुभाष बाबू ने लिखा था कि – “हम भारतीयों को ये सिखाया जाता है कि यूरोप, ग्रेट ब्रिटेन का ही बड़ा स्वरूप है। इसलिए हमारी आदत यूरोप को इंग्लैंड के चश्मे से देखने की हो गई है।‘ आगे पीएम ने कहा, भारत अनेक कदम आगे बढ़ा है, लेकिन अभी नई ऊंचाइयों पर पहुंचना बाकी है। इसी लक्ष्य को पाने के लिए आज भारत के 130 करोड़ लोग नए भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। एक ऐसा नया भारत, जिसकी कल्पना सुभाष बाबू ने भी की थी।

पीएम बोले, ‘नेताजी का एक ही उद्देश्य था, एक ही मिशन था, भारत की आजादी। यही उनकी विचारधारा थी और यही उनका कर्मक्षेत्र था। आजाद हिन्द सरकार सिर्फ नाम नहीं था, बल्कि नेताजी के नेतृत्व में इस सरकार द्वारा हर क्षेत्र से जुड़ी योजनाएं बनाई गई थीं। इस सरकार का अपना बैंक था। अपनी मुद्रा थी। अपना डाक टिकट था। अपना गुप्तचर तंत्र था। आज मैं उन माता पिता को नमन करता हूं जिन्होंने नेता जी सुभाष चंद्र बोस जैसा सपूत देश को दिया। मैं नतमस्तक हूं उन सैनिकों और परिवारों के आगे जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में खुद को न्योछावर कर दिया।’

नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अब एक ऐसी सेना के निर्माण की तरफ बढ़ रहा है, जिसका सपना नेताजी ने देखा था। जोश, जुनून और जज्बा तो हमारी सैन्य परंपरा का हिस्सा रहा ही है। अब तकनीक और आधुनिक हथियारों की शक्ति भी जुड़ रही है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के लिए जो समर्पित हुए वो उनका सौभाग्य था। हम जैसे लोग, जिन्हें ये अवसर नहीं मिला, हमारे पास देश के लिए जीने का, विकास के लिए समर्पित होने का मौका है। देश का संतुलित विकास, समाज के प्रत्येक स्तर पर, प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण का अवसर, राष्ट्र की प्रगति में उसकी भूमिका, नेताजी के वृहद विजन का हिस्सा थी।

लालकिले पर आजाद हिंद सरकार की वर्षगांठ मनाने से पहले पीएम ने सुबह आठ बजे चाणक्यपुरी में नेशनल पुलिस मेमोरियल व म्यूजियम का उद्घाटन किया। यहां भी प्रधानमंत्री ने बिना निशाना लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल सेवा, साहस और शौर्य का प्रतीक है, लेकिन क्या कारण है जो इसको अस्तित्व में आने में 70 वर्ष लग गए। आज मुझे राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल पर गर्व है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं। आखिर इस मेमोरियल को अस्तित्व में आने में आज़ादी के 70 वर्ष क्यों लग गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं मानता हूं कि कानूनी वजहों से कुछ वर्ष काम रुका, लेकिन पहले की सरकार की इच्छा होती, उसने दिल से प्रयास किया होता, तो ये मेमोरियल कई वर्ष पहले ही बन गया होता। इसके विपरीत पहले की सरकार ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थर पर धूल जमने दी। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक, राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जब फिर NDA की सरकार बनी तो हमने बजट आवंटन किया। आज ये भव्य स्मारक देश को समर्पित किया जा रही है। ये हमारी सरकार के काम करने का तरीका है। आज समय पर लक्ष्यों को प्राप्त करने की कार्य संस्कृति विकसित की गई है। देश के हर राज्य में, हर पुलिस स्टेशन, हर पुलिस चौकी में तैनात, राष्ट्र की हर संपदा की सुरक्षा में जुटे साथियों को, राहत के काम में जुटे साथियों को, आप सभी को, भी मैं बधाई देता हूं।

पीएम ने कहा कि बहुतों को तो ये पता तक नहीं होता कि कोई इमारत गिरने पर, नाव हादसा होने पर, आग लगने पर, रेल हादसा होने पर, राहत के काम की कमान संभालने वाले ये लोग कौन हैं। आज का ये दिन देश में आपदा प्रबंधन में जुटे, किसी प्राकृतिक संकट के समय या हादसे के समय, राहत के काम में जुटने वाले उन जवानों को भी याद करने का है, जिनकी सेवा की बहुत चर्चा नहीं की जाती।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में डटे हमारे साथियों का शौर्य और बलिदान भी अब शांति के रूप में दिखने लगा है। शांति और समृद्धि का प्रतीक बन रहे हमारे उत्तर-पूर्व के विकास में आपका भी योगदान है। देश के नक्सल प्रभावित जिलों में जो जवान अभी ड्यूटी पर तैनात हैं, उनसे प्रधानमंत्री ने कहा कि आप बेहतरीन काम कर रहे हैं। शांति स्थापना की दिशा में आप तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं।

पीएम मोदी ने कार्यक्रम के शुरूआत में कहा कि देश की सुरक्षा में समर्पित प्रत्येक व्यक्ति को, यहां उपस्थित शहीदों के परिवारों को मैं पुलिस स्मृति दिवस पर नमन करता हूं। आज का ये दिन आप सभी की सेवा के साथ-साथ, आपके शौर्य और उस सर्वोच्च बलिदान को याद करने का है, जो हमारी पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की परिपाटी रही है। इस दौरान पीएम देश के पुलिस जवानों के साहस, सेवा और समर्पण को याद कर कई बार भावुक भी हो गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सैन्य ताकत हमेशा से आत्मरक्षा के लिए रही है और आगे भी रहेगी। हमें कभी किसी दूसरे की भूमि का लालच नहीं रहा। भारत की संप्रभुता के लिए जो भी चुनौती बनेगा, उसको दोगुनी ताकत से जवाब मिलेगा।

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