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उत्तराखंड के इस गांव में आने से होती है सभी परेशानी दूर

पैसों के लिए सभी दिनरात काम करते हैं और यही सोचते हैं जितना चाहते उतना पैसा मिल जाये. आज के जमाने में किसी और चीज़ के साथ ही पैसा भी बहुत महत्व रखता है जिसके बिना कुछ नहीं होता और ना ही कुछ कर सकते हैं.

कहते हैं पैसा है तो सब कुछ है. भले ही पैसा सब कुछ नहीं है जीवन में लेकिन कुछ तो महत्व है जिसके लिए इंसान हमेशा पीछे भागता है. इसके लिए कई लोग माँ लक्ष्मी से प्रार्थना भी करते हैं ताकि उनके घर लक्ष्मी आ जाये. आज हम ऐसी ही एक जगह की बात कर रहे हैं जहां जाने से आपकी पैसों की परेशानी खत्म हो जाएगी. 

दरअसल, उत्तराखंड के चमोली जिले में एक ऐसी जगह है जहां जाने से परेशानी खत्म हो जाती है. बता दें, बदरीनाथ धाम से 3 किमी आगे भारत और तिब्बत की सीमा पर स्थित इस गांव का नाम माणा है. जानकारी के लिए बता दें, शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि इस गांव में कदम रखते ही व्यक्ति पापमुक्त हो जाता है. इस गांव को पुराणों में श्रापमुक्त स्थान का दर्जा भी  प्राप्त है. इतना ही नहीं कहते हैं यहां आने से इंसान स्वप्नद्रष्टा बन जाता है और भविष्य में होने वाली घटनाओ के बारे में उसे पहले से पता चल जाता है. यहां से आर्थिक कष्ट से भी मुक्ति मिलती है.

इस गाँव की एक कहानी भी है जो प्राचीन काल से चली आ रही है. प्राचीन काल में माणिक शाह नाम एक व्यापारी था जो भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था. वह एक बार व्यापारिक यात्रा करने निकला था और इसी दौरान लुटेरों ने उसका सिर काटकर कत्ल कर दिया. गर्दन कट जाने के बाद भी वह भगवान शिव का जाप कर रहा था. यह उनकी शिव के प्रति गहरी श्रद्धा ही थी. उनकी श्रद्धा से शिव जी बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने उनके गर्दन पर वराह का सिर लगा दिया. इस घटना के बाद से ही माणा में मणिभद्र की पूजा की जाने लगी.

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