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भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से बड़े से बड़े कष्ट होंगे दूर

भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र में सभी संकटों का नाश करने की क्षमता है. महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने से बड़े से बड़े कष्ट, दुख और रोग दूर हो जाते हैं. महाकाल प्रभु भगवान शिव से तो स्वयं काल भी डरते हैं.

प्रभावशाली महामृत्युंजय मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु भी दूर हो सकता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, महामृत्युंजय मंत्र का जाप सावन माह में बहुत ही प्रभावशाली होता है. यदि आप सावन के अतिरिक्त किसी माह में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहते हैं,

तो सोमवार के दिन करें. महामृत्युंजय मंत्र दो प्रकार के होते हैं. एक लघु महामृत्युंजय मंत्र है और दूसरा संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र. आइए जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र के जाप विधि , लाभ आदि के बारे में.

महामृत्युंजय मंत्र से लाभ

  1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि किसी पर अकाल मृत्यु का योग है, तो उसे महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराना चाहिए. यह काफी लाभदायक हो सकता है.
  2. यदि आप किसी ऐसे रोग से पीड़ित हैं, जिससे राहत नहीं मिल रही है, तो आपको महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराना चाहिए.
  3. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से ग्रह दोष या ग्रहों से होने वाली पीड़ा भी दूर हो सकती है.
  4. महामृत्युंजय मंत्र पाप से मुक्ति के लिए भी किया जाता है.
  5. धन हानि से बचने, प्रॉपटी या जमीन जायदाद से संबंधित विवादों में सफलता के लिए भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया जाता है.
  6. आपके परिवार में अशांति का माहौल रहता है, घर के सदस्य हमेशा परेशान रहते हैं, गृह क्लेश रहता है, तो इनके शमन के लिए भी महामृत्युंजय मंत्र जाप कराया जा सकता है.
  7. किसी को राज पक्ष से सजा का डर सता रहा होता है या कोई अनजाना भय होता है, तो उससे बचने के लिए भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया जाता है.

महामृत्युंजय मंत्र के प्रकार
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ.

लघु मृत्युंजय मंत्र
ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ.

महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि
महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से कराना चाहिए. हमेशा इस बात का ध्यान रहे कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप योग्य पंडित या ज्योतिषाचार्य से ही कराएं. मंत्र का उच्चारण सही हो.

मंत्र का गलत जाप निष्प्रभावी होता है. महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार और लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप 11 लाख बार कराना चाहिए. मंत्र का जाप प्रात:काल से लेकर दोपहर पूर्व तक करना चाहिए.

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