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इस खिलाड़ी को यूपी ने नहीं दी तवज्जो तो बंगाल ने हाथों हाथ लिया

सात साल शानदार प्रदर्शन करने के बाद जब उत्तर प्रदेश ने तवज्जो नहीं दी तो बंगाल ने प्रभात मौर्या को हाथों हाथ लिया। बंगाल ने अपने राज्य की  तरफ से वीनू मांकड ट्रॉफी खिलाई। इसमें उन्होंने हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में 14 विकेट लिए और  135 रन बनाए। नतीजा यह हुआ कि प्रभात का चयन बीसीसीआई ने शनिवार से शुरू होने वाली अण्डर-19 चैलेंजर ट्रॉफी में हिस्सा लेने वाली भारत-यलो टीम में किया। प्रभात शुक्रवार को अपने ही शहर में बंगाल की तरफ से खेलने के लिए पहुंचे हैं। चैलेंजर ट्रॉफी शनिवार से अटल बिहारी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में शुरू हो रही है।
प्रभात मौर्या पिछले सात वर्षों से राजधानी में मो. वसी (पक्कू भाई) की अवध टाइगर अकादमी में खेल रहे थे। वह तेज गेंदबाज और मध्यक्रम के उम्दा बल्लेबाज हैं। राजधानी के कई टूर्नामेंट में उन्होंने उम्दा प्रदर्शन किया। उम्दा प्रदर्शन करने के बाद उन्हें यूपीसीए की किसी भी टीम में जगह नहीं मिली। पिछले साल उन्होंने बंगाल से खेलने का फैसला किया। बंगाल में अपने एक रिश्तेदार के यहां रहकर उन्होंने पानीहाटी अकादमी में दाखिला लिया। उन्होंने बंगाल के क्रिकेट में उम्दा प्रदर्शन किया। बंगाल की ही तरफ से अण्डर-16 वीनू मांकड ट्रॉफी में खेते हुए उम्दा प्रदर्शन किया। इसी बीच बीसीसीआई की अण्डर-19 चैलेंजर्स ट्रॉफी के लिए टीम का चयन हुआ। इसमें चयनकर्ताओं ने प्रभात का चयन भारत-यलो टीम में किया।
शुक्रवार को प्रभात के कोच मो. वसी ने उन्हें उम्दा प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दीं। साथ ही एक बल्ला उपहार में दिया।
प्रभात मौर्या लखनऊ में कल्याणपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता आरके मौर्या उत्तर प्रदेश पुलिस (वायरले) में कार्यरत हैं। प्रभात बताते हैं कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि वह कहां से खेल रहे हैं। उन्हें उम्दा प्रदर्शन करना है। उनका लक्ष्य टीम इण्डिया है।

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