उत्तर प्रदेश

जन्मभूमि का बंटवारा स्वीकार्य नहीं, केस वापस ले सुन्नी वक्फ बोर्ड

विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने यहां धर्मसभा में कहा कि अब हमारे सब्र की परीक्षा मत लें। जमीन बंटवारे का फार्मूला हमें मंजूर नहीं है। सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना दावा वापस ले। हमको यहां पर राम मंदिर बनवाने के लिए पूरी जमीन की जरूरत है। वीएचपी के उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि छीन कर गई जमीन पर नमाज हमें स्वीकार नहीं है। यह जमीन जबरदस्ती ली गई है। किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। हम जमीन का बंटवारा नहीं चाहते हैं। पूरी जमीन हमारी है। भारत सरकार को अपने संकल्प को पूरा करना चाहिए। वीएचपी का उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि कुछ विद्वान ऐसा मानते हैं कि कि राम मंदिर मुद्दा बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद से शुरू हुआ है। लेकिन, यह लड़ाई पिछले 490 वर्षों से लगातार जारी है।

धर्मसभा का औचित्य स्पष्ट करते हुए विहिप उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहाकि 25 साल बाद आज यहां फिर जुटने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि देश के कथित बुद्धिजीवियों को यह भ्रम हो गया था कि रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण का प्रश्न 6 दिसंबर 1992 को समाप्त हो चुका है। वस्तुतः यह आग अभी बुझी नहीं है बल्कि अंदर अंदर सुलग रही है। विहिप उपाध्यक्ष चंपत राय ने अपने स्वागत भाषण में कहाकि मुसलमानों को अपना मुकदमा वापस लेना चाहिए। हमको अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए पूरी जमीन चाहिए। हम एक इंच टुकड़ा भी नहीं छोड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना केस वापस ले। विहिप नेता चंपत राय ने कहा कि कोई भी अब हमारे सब्र की परीक्षा मत लो। अयोध्या में जमीन का बटवारा नहीं होना चाहिए। पूरी जमीन मिलेगी तभी विकास संभव है।हिंदू समाज राम जन्मभूमि वापस चाहता है। हम जमीन का बंटवारा नहीं चाहते हैं। हमें पूरी जमीन चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपना केस वापस लेना चाहिए।

विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि सभा के लिए उमड़ी भीड़ सिर्फ उत्तर प्रदेश के 45 जिलों से ही आई है। उन्होंने कहा कि 25 साल बाद हमें यह सभा के आयोजन की जरूरत इसलिए पड़ी ताकि कुछ समझदार लोगों को यह याद दिलाया जा सके कि राम मंदिर का मुद्दा छह दिसंबर 1992 के बाद से खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट टाल-मटोल कर रहा है। यहां राम का मंदिर था, मस्जिद बनाना इनवैलिड है। उन्होंने कहा कि यहां पर मंदिर का निर्माण किसी भी कीमत पर होना चाहिए। लड़ाई 500 वर्ष से जारी है। राम मंदिर आंदोलन में शामिल 30 वर्ष के युवा अब 60-62 वर्ष के हो चुके हैं। जब अर्जुन को बात समझ में नहीं आ रही थी तो कृष्ण ने अपना मुंह खोला और उसमें संसार का सच दिखा। विहिप की यह विराट धर्मसभा भी उसी क्रम में हैं। 

अयोध्या के बड़ा भक्त महल बगिया में विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा शुरू होकर चार बजे तक चलेगी। धर्मसभा के चलते अयोध्या में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। विवादित क्षेत्र ही नहीं पूरी अयोध्या नगरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। अयोध्या के कारसेवकपुरम में बड़ा भक्तमाल की बगिया में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ मंच पर चार दर्जन संत-महात्मा तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कई पदाधिकारी भी है। इससे पहले विहिप की धर्मसभा अपने निर्धारित समय पर शुरू हुई। विहिप की धर्मसभा संतों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर इसका शुभारंभ किया। युग पुरुष स्वामी परमानंद व रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास समेत कई शीर्ष संत मंच पर हैं। 

अयोध्या में आज धर्म सभा में राम भक्तों का हुजूम उमड़ा है। यहां पर धर्म सभा में करीब एक लाख राम भक्त पहुंचे है। अभी भी राम भक्तों का आना जारी। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर राम भक्तों का तांता लगा है। यहां पर प्रदेश के 48 जिलों के राम भक्त धर्म सभा में हैं। यह सब करीब 500 बस के साथ ट्रेन तथा निजी साधन से पहुंचे हैं। यहां तीन हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं की फौज व्यवस्थाओं के मद्देनजर तैनात की गई है। 

विहिप की धर्मसभा में जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, हरिद्वार के जगतगुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य, महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत रङ्क्षवद्रपुरी, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, जगतगुरु रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य तथा महामंडलेश्वर उड़ीसा के स्वामी ज्ञानानंद गिरी समेत करीब चार दर्जन बड़े संत व विशिष्टजन शामिल हैं।  इनके साथ ही आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल समेत संघ व विहिप के कुछ अन्य बड़े नेताओं के शामिल हैं। 

विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय, सांसद लल्लू ङ्क्षसह समेत अन्य बड़े नेता कल से ही बड़ा भक्तमाल में डेरा डाले रहे। यहां पर आतंकी हमले की आशंका के बीच में भी रामभक्त बड़ी संख्या में उमड़ पड़े हैं। प्रदेश भर से करीब दो-तीन लाख रामभक्तों के आज यहां पर धर्मसभा में शामिल होने का अनुमान है। 

अयोध्या में एक बार फिर लाखों राम भक्त जुट गए हैं। आज होने वाली धर्मसंसद में विहिप कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या में जुटान हो गई है। शिवसेना के बाद संत महंत राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर बनाएंगे दबाव।
इस धर्मसभा को लेकर जिला प्रशासन के साथ ही उत्तर प्रदेश शासन भी हाई अलर्ट पर है। धर्म सभा को लेकर जिला प्रशासन ने रूट डायवर्जन कर दिया है। धर्मसभा में आने वाले सभी वाहनों को छोड़कर कोई भी बड़े वाहन अयोध्या की तरफ नहीं आ सकेंगे। यहां पर अब तो अंबेडकरनगर-सुल्तानपुर-रायबरेली मार्ग से आने वाले बड़े वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। धर्म सभा के चलते 70 हजार सुरक्षा कर्मियों को लगाया गया है। किसी अनहोनी को लेकर लोगों में खौफ भी है और रामभक्त इस उम्मीद में इस ओर नजर लगाए हैं कि यहां से भगवान राम को उनका घर मिलने का रास्ता साफ होगा।विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा को आज लेकर आज अयोध्या हाई अलर्ट पर है। यहां पर केंद्र के बलों के साथ पीएसी तैनात है। अयोध्या की सभी प्रवेश द्वार को सील कर दिया गया है। यहां पर साइकिल सवारों को भी रोका गया है। अयोध्या के प्रवेश द्वार उदया चौराहे पर सील किया गया है। इसके साथ ही टेढ़ीबाजार चौराहे को भी सील किया गया। इसके श्रीराम अस्पताल जाने वाले तीमारदार भी काफी परेशान हुए।

उधर, सुलतानपुर के हर गांव, हर गली से अयोध्या को रामभक्तों का जत्था निकल चुका है। वहीं, जयसिंहपुर तहसील के एक गांव और करौंदीकला से निजी वाहन से रामभक्त अयोध्या को बढ़ रहे हैं।अयोध्या के डीआइजी ओमकार सिंह ने कहा कि हमने वीएचपी के कार्यक्रम के लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं। पार्किंग व्यवस्था के लिए जगह बना दी गई है। बाईपास पर भी आवाजाही सामान्य रूप से चल रही है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यवस्था ऐसी तरह रहे। दर्शन सामान्य मार्गों से होगा। हम सब कुछ एक संगठित तरीके से करेंगे।

आसमान से भी की जा रही निगहबानी

अयोध्या के करीब 50 स्कूलों में सुरक्षाबलों के कैंप लगाए गए हैं। यहां पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, एक उप पुलिस महानिरीक्षक, तीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 क्षेत्राधिकारी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबिल, पीएसी की 42 कंपनी, आरएएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं।

 

इनके अलावा, एटीएस के कमांडो और ड्रोन कैमरे भी यहां निगहबानी में लगे हैं।विहिप ने यहां पर वाहनों के पार्किंग के लिए 13 पार्किंग स्थल चिन्हित किए हैं। यह अयोध्या से 500 मीटर दूरी पर बनाए गए हैं। विहिप की धर्म सभा को लेकर जिला प्रशासन ने रूट डायवर्ट किया है। 

Related Articles

Back to top button