मध्य प्रदेश

वर्ष 2018 में देवशयनी एकादशी से मांगलिक आयोजनों पर लगा प्रतिबंध 7 दिसम्बर को गुरू तारे के उदय होने के बाद ही हट सकेगा

वर्ष 2018 में देवशयनी एकादशी से मांगलिक आयोजनों पर लगा प्रतिबंध 7 दिसम्बर को गुरू तारे के उदय होने के बाद ही हट सकेगा। लेकिन गुरू तारे के उदय होने के बाद भी महज तीन दिन ही मांगलिक कार्यों के आयोजनों के लिए मुहूर्त निकले हैं। यह मुहूर्त हैं 11, 12 और 13 दिसंबर। इसके बाद 16 दिसंबर से धनु मलमास के लगने से एक बार फिर वैवाहिक आयोजनों पर रोक लग जाएगी।

ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार हर वर्ष देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यो के आयोजन प्रारंभ हो जाते हैं। लेकिन इस वर्ष देवउठनी एकादशी के कारण गुरू तारे के अस्त हो जाने के कारण मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई थी। लेकिन अबूझ मुहूर्त माने जाने वाले देवउठनी एकादशी को कुछ वैवाहिक कार्योक्रमों का आयोजन किया गया था। वहीं पंचाग के अनुसार अब 7 से 16 दिसंबर के मध्य विवाह के तीन मुहूर्त पंचांगों में दिए गए हैं। 16 दिसंबर को धनु मलमास प्रारंभ हो जाएगा जोकि मकर संक्रांति तक रहेगा। इस दौरान भी मांगलिक कार्य निषेध रहेंगे।

2019 में यह है मुहूर्त

वर्ष 2019 के प्रारंभ होते ही जनवरी माह से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। जनवरी माह में 17, 18, 22, 23, 25, 26, 29, 30 और फरवरी में 8, 9, 10, 14, 19, 20, 21 को विवाह मुहूर्त हैं। मार्च में 7, 8, 9 और 12 तारीख को विवाह हो सकेंगे। इसके बाद 13 मार्च से 9 अप्रैल 2019 तक खरमास होने से वैवाहिक आयोजनों पर रोक लग जाएगी।

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