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जूनियर पासवान ने BJP को दी नसीहत, राम मंदिर और तीन तलाक पर CM नीतीश से मिलाए सुर

बिहार में एनडीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने एक बार फिर बीजेपी को नसीहत दी है. रामविलास पासवान के बेटे और एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा है कि राम मंदिर और तीन तलाक के मुद्दे से बचने की जरूरत है. इससे हमारा नुकसान हो सकता है. चिराग पासवान ने राम मंदिर और तीन तलाक के मुद्दे पर जेडीयू का साथ देते हुए लोकसभा चुनावों से पहले उठाए जा रहे राम मंदिर निर्माण और तीन तलाक जैसे विवादित मुद्दों को नामंजूर कर दिया और आशंका जताई कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को विकास के मुद्दे से भटकने का नुकसान हो सकता है. 

एलजेपी संसदीय दल के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शेखपुरा जिले में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि हम विकास के मुद्दे पर सरकार को आगे बढ़ा रहे हैं. इसलिए हमें इन्हीं मुद्दों पर बने रहना चाहिए न कि मंदिर और तीन तलाक के मुद्दे से विकास के मुद्दे से भटकना चाहिए.

चिराग की लोकसभा सीट जमुई का एक हिस्सा शेखपुरा जिले में आता है. उन्होंने कहा, ‘एनडीए के लिए विकास ही चुनावी मुद्दा होना चाहिए. मुझे यकीन है कि इससे गठबंधन को बिहार की 40 सीटों में से 35 जीतने में मदद मिलेगी. मुझे उम्मीद है कि चुनाव विकास के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा और राम मंदिर एवं तीन तलाक जैसे मुद्दे किनारे रखे जाएंगे. इससे गठबंधन की संभावनाओं को नुकसान हो सकता है.’ 

केंद्रीय मंत्री एवं एलजेपी के संस्थापक अध्यक्ष रामविलास पासवान के बेटे चिराग ने पिछले महीने उस वक्त भी ऐसी टिप्पणियां की थी जब बीजेपी को राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था. 

चिराग ने यह टिप्पणियां ऐसे समय में की हैं जब तीन तलाक के मुद्दे पर संसद में हंगामा हो रहा है. वहीं, राज्य में बीजेपी की एक अन्य सहयोगी जदयू ने राज्यसभा में तीन तलाक संबंधी विधेयक पर वोटिंग की स्थिति में विधेयक के के पक्ष में वोट डालने से इनकार कर दिया है. जदयू ने लोकसभा में भी इस विधेयक पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था.

मालूम हो कि चिराग पासवान इससे पहले भी बीजेपी को नसीहत दे चुके हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जीत के बाद चिराग ने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को एजेंडा बदलने की सलाह दी थी. इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से अलग होने पर एलजेपी ने बीजेपी के सामने मोल-भाव वाला रवैया अपनाया था. हालांकि इसके बाद बीजेपी और जदयू ने मिलकर एलजेपी को 6 लोकसभा और रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजने पर रजामंद हो गई है.

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