दिल्ली एनसीआर

आम्रपाली के होटल की नीलामी में सुप्रीम कोर्ट को गुटबंदी का संदेह

आम्रपाली समूह के पांच सितारा होटल सहित दो प्रमुख संपत्तियों की नीलामी में बोलीदाता नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि इस मामले में गुटबंदी हुई है। उसने यह भी पता लगाने के लिए कहा कि क्या बैंक भी इस गुटबंदी में शामिल हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि यह ‘चौंकाने और परेशान करने वाला’ है कि बैंकर संपत्तियों में पूंजी लगाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। बैंक नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) की परियोजनाओं में पूंजी लगाने को तैयार हैं पर डेब्ट रिकवरी टिब्यूनल (डीआरटी) द्वारा बेची जा रही आम्रपाली की संपत्तियों के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।

डीआरटी ने आम्रपाली समूह के ग्रेटर नोएडा स्थित पांच सितारा होटल ‘आम्रपाली हॉलिडे इन टेक पार्क’ और उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित महत्वपूर्ण जमीन की नीलामी के लिए 31 जनवरी की तारीख तय की थी, लेकिन कोई बोलीदाता नहीं आया।

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि पहले संपत्तियों के मूल्यांकन की चिंता थी, लेकिन 31 जनवरी को हुई नीलामी ज्यादा चौंकाने वाली रही। ऐसा लगता है कि यह संपत्ति को न बेचने देने का एक सुनियोजित प्रयास है। इसमें अदृश्य लोगों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

कोर्ट द्वारा नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटर पवन कुमार अग्रवाल ने पीठ को बताया कि उन्होंने 5,229 न बिकने वाले फ्लैटों को चिह्नित किया है, जिन्हें बेचकर करीब 6,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। आम्रपाली समूह की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की देनदारी 3,200 करोड़, नोएडा प्राधिकरण की देनदारी 1,900 करोड़ व बैंकों की देनदारी लगभग 2,000 करोड़ रुपये है।

पीठ ने आम्रपाली समूह के वकील से पूछा कि वे देनदारियों को निपटाने की क्या योजना बना रहे हैं। कहा, आप  (आम्रपाली) पर घर खरीदारों भी देनदारी बनती है, जिसे आपको लौटाना होगा। आपने घर खरीदारों से सबकुछ छीन लिया है।

ईडन पार्क और कैसल’ के न बिकने वाले फ्लैटों के लिए निकलेगा विज्ञापन

कोर्ट ने एनबीसीसी को आम्रपाली की दो परियोजनाओं ‘ईडन पार्क और कैसल’ के नहीं बिकने वाले फ्लैटों की बिक्री के लिए विज्ञापन जारी करने की अनुमति दी, ताकि इसके जरिये धन जुटाया जा सके। पीठ ने कहा कि घर खरीदारों का हित प्राथमिकता में है।

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