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जब मुठभेड़ में हुआ आमना-सामना भाई पुलिस में और बहन नक्सली जाने पूरा मामला

यूं तो  सुकमा जिले में आए दिन नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ की खबरें सामने आती   रहती हैं, लेकिन बीते दिनों एक ऐसी नक्सल खबर आई जो इन दिनों सुर्खियों में है। दरअसल, इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी भाई और उसकी सगी नक्सली बहन के बीच गोलीबारी हुई थी। पुलिस की इस जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली जंगल में भाग गए और  नक्‍सली बहन भी पुलिसकर्मी भाई के हाथ से बच कर निकली थी।

 

 

इस दिन हुई थी मुठभेड़ 

29 जुलाई के दिन छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित सुकमा जिले का बालकातोंग इलाके के जंगल में सुबह से ही गोलियों की आवाज गूंज रही थी। पुलिस को यह जानकारी मिली कि जंगल में बड़ी संख्‍या में नक्सली मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी।

 

वेट्टी रामा ने किया आत्मसमर्पण 

पुलिस के आने की आहट मिलते ही नक्‍सलियों ने हमला बोल दिया  जिसके बाद दोनों ओर से अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई थी। पुलिस टीम में सहायक आरक्षक वेट्टी रामा गाइड के तौर पर शामिल था। मुठभेड़ चल ही रही थी कि वेट्टी रामा के एक साथी ने कहा कि देखो तुम्हारी बहन कन्‍नी नजर आ रही है। जब तक रामा उसकी ओर देख पाता वह नजरों से ओझल हो गई।

 

भाई ने बहन को लगाई आवाज

भाई ने बहन को आवाज भी लगाई लेकिन वह उसे अनसुना करके वहा से भाग गई। रक्षा बंधन का पर्व जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वेट्टी रामा को वह दिन याद आ रहा है जब उसकी बहन वेट्टी कन्नी ने भी उसकी कलाई पर राखी बांधी थी और वेट्टी रामा ने अपनी बहन की रक्षा की सौगंध ली थी।

 

दोनों भाई बहन गगनपल्ली गांव के रहने वाले हैं। वेट्टी रामा उस दिन को याद कर सिहर उठता है, जब नक्सली गांव में आए और दोनों भाई-बहनों को अपने साथ ले गए। करीब एक साल पहले वेट्टी रामा ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद वेट्टी रामा को पुलिस विभाग में सहायक आरक्षक बना लिया गया।

लौट आओ मेरी बहन 

सुकमा के एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि 29 जुलाई को कोंटा एरिया के बालेतोंग में मुड़भेड़ हुई थी जिसमें दो नक्सली मारे गए थे। उस टीम के गाइड के रूप में वेट्टी रामा साथ में था। उस दिन की मुड़भेड़ में वेट्टी रामा और उसकी बहन वेट्टी कन्‍नी का आमना-सामना हुआ था। हालांकि, फायरिंग की आड़ में वेट्टी कन्‍नी बच कर निकली गयी थी।

 

पत्र लिखकर नक्सल संगठन छोड़ने की गुहार

वेट्टी रामा का कहना है कि वह बहन को पत्र लिखकर नक्सल संगठन छोड़ने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन वह कहती है कि उसका कोई भाई नहीं है। उन्‍होंने कहा, ‘रक्षा बंधन हैं, मैं एकबार फिर कहता हु लौट आओ मेरी बहन….’

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