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एसटीएफ ने आरएसएलएसएसबी की परीक्षा में 18 अभ्यर्थियों को धांधली कर पास कराने वाले गिरोह का पर्दाफास

एसटीएफ ने राजस्थान सबॉर्डिनेट एंड मिनिस्टीरियल सर्विसेज सेलेक्शन बोर्ड की परीक्षा में 18 अभ्यर्थियों को धांधली कर पास कराने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को लखनऊ से किया गिरफ्तार । यह खेल लखनऊ स्थित राभव लिमिटेड कंपनी में हुआ था, जिसे रिजल्ट बनाना था। कंपनी के दो कर्मचारियों ने रिजल्ट में धांधली की थी। आरोपियो  के कब्जे से पुलिस ने 61.5 लाख रुपये व कई दस्तावेज भी बरामद किये हैं। पकड़े गए आरोपियो  में सरकारी अध्यापक पंकज गुप्ता व अजीत कुमार तथा जीएसटी में संग्रह अमीन कमल किशोर भी शामिल हैं।

एसटीएफ प्रयागराज की टीम ने किया  गिरफ्तार:

आइजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि गोमतीनगर थाने में आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराकर छानबीन की जा रही है। गिरोह ने कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी धांधली की है, जिनके बारे में भी छानबीन की जा रही है। आजमगढ़ निवासी विनोद कुमार गौड़, बहराइच निवासी शादान खान, प्रयागराज निवासी पंकज कुमार गुप्ता, सुलतानपुर निवासी कमल किशोर यादव व मऊ निवासी अजीत कुमार को जनेश्वर मिश्र पार्क के पास से एसटीएफ प्रयागराज की टीम ने गिरफ्तार किया है।

विनोद कुमार यहां इंदिरानगर तथा शादान खान मौलवीगंज में रह रहे थे। विनोद कुमार गौड़ राभव लिमिटेड में वर्ष 2014 से कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का काम कर रहा था, जबकि शादान खान डाटा इंट्री आपरेटर था। जांच में सामने आया कि राभव लिमिटेड कंपनी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की डाटा इंट्री व रिजल्ट बनाने क का काम करती है। वर्ष 2014 से 2016 तक यूपी एसएसएससी की प्रतियोगी परीक्षाओं की डाटा इन्ट्री व रिजल्ट बनाने का काम इस कंपनी को मिला था।

करीब छह महिने पहले राजस्थान सबॉर्डिनेट एंड मिनिस्टीरियल सर्विसेज सेलेक्शन बोर्ड द्वारा संचालित महिला सुपरवाइजर, कृषि पर्यवेक्षक व प्रयोगशाला सहायक भर्ती की परीक्षाओं की ओएमआर शीट स्कैनिंग कर परीक्षा परिणाम बनाने का टेंडर भी राभव लिमिटेड कंपनी  को मिला था। विनोद व शादान ने दोस्त पंकज गुप्ता के जरिये 18 अभ्यर्थियों से सांठगाठ की थी, जिन्होंने परीक्षा में अपनी ओएमआर शीट खाली छोड़ दी थी। बाद में विनोद व शादान ने स्कैनिंग के दौरान 18 अभ्यर्थियों की अनुक्रमांक सूची लेकर उनकी ओएमआर शीट में सही उत्तर भर दिये। वे सभी 18 अभ्यर्थी सफल हो गये थे। इन्हीं अभ्यर्थियों से वसूली गये लाखों रुपये पंकज अपने दोस्त कमल किशोर व अजीत कुमार के साथ लखनऊ में विनोद व शादान को देने आया था।

राजस्थान में तय हुई थी डील

 

आरोपित कमल किशोर ने राजस्थान निवासी अपने परिचित रमेश मीणा व धर्मेश मीणा से संपर्क साधा था। दोनों ने 18 अभ्यर्थियों से संपर्क पर भर्ती होने की स्थिति में नौ-नौ लाख रुपये देने की डील की थी।

 

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