बाढ़ के पानी खत्मि होने के बाद आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्रन के लोग अपनी जिंदगियों को समेटने में जुटे हैं।
देश के कई राज्यों में बाढ़ के कारण तबाही और हाहाकार है। इनमें से कुछ जगहों आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र से यह गुजर गया है लेकिन हालात सामान्य होने में समय लगेगा। इन जगहों पर बाढ़ के जाने के बाद तबाही वाला मंजर पसरा है जो ऐसा घाव दे गया है कि उबरने में लोगों को न जाने कितना वक्त लगेगा। कुछ लोग यहां से दूसरी जगहों पर चले जाएंगे और कुछ अपने बचे खुचे सामानों को समेट नए सिरे से जिंदगी के लिए संघर्ष करना शुरू करेंगे।
कई गांव और सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न हो गए:
नदियों में उफान तो कम हो गया है लेकिन अभी जनजीवन को सामान्य और सुचारू होने में समय लगेगा। बाढ़ के बाद मलबे से लोग अपना सामान ढूंढ रहे हैं। उनके मन में अभी थोड़ी सी उम्मीद अब भी बाकी है। आंध्र प्रदेश के बाढ़ग्रस्त विजयवाड़ा स्थित रामालिंगवारा नगर में पानी कम हो जाने के बाद मलबे में से लोग अपने सामानों को इस उम्मीद से खोज रहे हैं कि शायद कुछ काम के लायक बचा हो। बता दें कि कृष्णा नदी में आई उफान से आए बाढ़ के कारण आंध्र प्रदेश के कृष्णा और गुंटूर जिलों में कई गांव और सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न हो गए। विजयवाड़ा के प्रकाशम बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद इसमें कमी हुई। जलाशयों से पानी के बहाव में कमी देखी गई।
बाढ़ के पानी से भीगे फर्नीचर :
महाराष्ट्र के सांगली में कृष्णा नदी का उफान थम गया, जलस्तर भी कम हुआ लेकिन यहां के स्कूल में अभी तक पढ़ाई की शुरुआत नहीं हो पाई है। स्कूल में छात्र छात्राएं तो पहुंच रहे हैं लेकिन पढ़ाई शुरू करने से पहले उन्हें वहां बाढ़ के पानी से भीगे फर्निचर, किताबों व अन्य सामानों को सुखाना है।
वहीं कारद में कृष्णा नदी के तट पर ‘स्वच्छता महा अभियान’ चलाया गया। इसके तहत नगर निगम कार्यकर्ता कृष्णा नदी के तट पर सफाई में जुट गए। इस काम में वहां के कॉलेज की छात्राएं भी उनकी मदद को आगे आई और ‘स्वच्छता महा अभियान’ में शामिल हुईं। उन्होंने नदी के तट पर बाढ़ के पानी का स्तर कम हो जाने के बाद वहां जमा कचरे की सफाई की।