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इसरो चीफ डॉ के सिवान ने कहा चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर पाया गया ,पर अभी तक इसके साथ कोई संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है

भारत के मून लैंडर विक्रम  का इसरो  से उस समय संपर्क टूट गया था, जब वह चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था. इस बीच चंद्रयान-2  को लेकर इसरो प्रमुख के. सीवन  ने एक जरुरी जानकारी देते हुए   बताया कि ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर  का पता लगा लिया है. ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल इमेज भी खींची है, लेकिन ऑर्बिटेक का उनसे कोई संपर्क नही हो पाया है  |

इसरो के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि आखिर उस समय चांद पर ऐसा  क्या हुआ होगा, जिससे लैंडर विक्रम  का इसरो  से  संपर्क टूट गया. उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह पर विक्रम की ‘हार्ड लैंडिंग’ ने दोबारा संपर्क कायम करने को मुश्किल बना दिया है, क्योंकि यह सहजता से और अपने चार पैरों के सहारे नहीं उतरा होगा. उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह से टकराने की  वजह से  लैंडर को काफी नुकसान भी  पहुंचा  होगा | लैंडर को पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह  पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के लिए पृथ्वी के करीब 14 दिनों के बराबर  काम करने के लिए डिजाइन किया गया था |

 

 

आपको बता दें कि इसरो द्वारा चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान  अपनी तय योजना के तहत समय पर  पूरा नहीं हो पाया था और चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर उसका संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया था. चंद्रमा पर खोज के लिए देश के दूसरे मिशन का सबसे जटिल चरण माने जाने के दौरान लैंडर चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के बिलकुल करीब था, जब इससे संपर्क टूट गया | चंद्रयान-2 के लैंडर का वजन 1,471 किग्रा है |

 

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