बिजली कंपनी का कारनामा भी अजीबोगरीब है। कंपनी एक और जहां जिले के कई जगहों वर्षों से बिना पोल और तार के बिजली कनेक्शन बांटकर बिजली बिल की वसूली की जाती है। वहीं, कर्मियों का अभाव दिखा आम लोगों को भी मुन्ना मिस्त्री बनने को मजबूर करती है।
बिजली कंपनी के कारनामों की लंबी फेहरिस्त में एक और नया कारनामा जुड़ गया है। बक्सर जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के रघुनाथपुर गांव में एस्बेस्टस छत के नीचे के रहनेवाले सुरेंद्र प्रसाद नामक एक साधारण किसान को एक पंखे और दो सीएफएल बल्ब जलाने के एवज में सवा तीन लाख रुपये का बिजली बिल विभाग द्वारा भेजा गया है।
मामले में पीडि़त व्यक्ति ने बताया कि जबसे उसने बिजली कनेक्शन लिया। तब से प्रतिमाह सौ से डेढ़ सौ रुपये के बीच में बिजली बिल का भुगतान करता था।
वर्ष 2016 के नवंबर माह में उसे 2 महीनों के बिल के रूप में 205 रुपये जमा करने पड़े थे। नवंबर के बाद से जब उसने दिसंबर माह में बिजली बिल जमा करने की कोशिश की तो उसे बताया गया कि उसके बिल में कोई समस्या है। जिसके कारण उसका बिल नहीं निकल रहा है।
पहले आया 96000 फिर सवा तीन लाख का बिल
बिजली बिल में गड़बड़ी की बात कहते कहते मई 2017 में उसे एक साथ ही 96 हजार रुपये का बिजली बिल भेजा गया। अचानक से इतना ज्यादा बिजली बिल को देखकर पहले तो वह व्यक्ति चकराया फिर उसने बिजली विभाग में इसकी शिकायत की।
शिकायत के आलोक में विभाग में एक बार फिर उसे बिजली बिल में सुधार करने की बात कह दिया। लगभग 1 वर्ष बाद जून 2018 में व्यक्ति को पुन: बिजली का बिल विभाग द्वारा भेजा गया। लेकिन, इस बार बिजली बिल पूर्व के बिजली बिल से करीब 3 गुना 3,14,882.00 रुपये था।
यहीं नहीं, मीटर रीडर द्वारा उसे बिजली बिल नहीं जमा करने पर कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहने की बात भी कही गई। पीडि़त उपभोक्ता ने मीडिया से गुहार लगाई कि इस मामले को उजागर करते हुए बिजली विभाग की सच्चाई दुनिया के सामने लाई जाए। ताकि अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद उसकी समस्या का निराकरण हो सके।
कहते हैं कार्यपालक अभियंता
बिजली कंपनी के कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार कहते हैं कि उपभोक्ता को यदि यह लगता है कि बिजली बिल में गड़बड़ी है, तो वह सहायक विद्युत अभियंता डुमरांव कार्यालय में जाकर बिजली बिल में सुधार करवा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि स्पॉट बिलिंग होने के कारण अब बिजली बिल में त्रुटियां ना के बराबर आ रही है।