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पूर्व सैनिकों और उनके परिवार वालों पर देश को गर्व- राजनाथ सिंह

लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों और उनके परिवार वालों के प्रति शनिवार को सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि देश को उन पर गर्व है। राजनाथ ने यहां एएमसी स्टेडियम में कहा, देश को अपनी सशस्त्र सेनाओं पर गर्व है। हमें पूर्व सैनिकों पर भी गर्व है जो आवश्यकता पड़ने पर उसी विश्वास के साथ अब भी अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकते हैं। इस बात का मुझे पूरा विश्वास है। रक्षा मंत्री ने स्टेडियम में लगाए गए विभिन्न स्टॉल देखें और पूर्व सैनिकों एवं शहीद सैनिकों की पत्नियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब्दुल हमीद और मनोज पांडे जैसे योद्धाओं की जन्मस्थली रही है और पूरा देश इन योद्धाओं का ऋणी रहेगा। बाद में जब संवाददाताओं ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सवाल किया तो राजनाथ सिंह ने कहा, इस समय मैं जिस कार्यक्रम में यहां आया हूं, वहां मैं कोई राजनीतिक बात नहीं कहना चाहता।

यह राज्यपाल का विशेषाधिकार था। संतुष्ट होने पर राज्यपाल को जिसे आमंत्रित करना था, उन्होंने उसे आमंत्रित किया। इस दौरान यहां मौजूद कंट्रोलर जनरल डिफेन्स अकाउंट (सीजीडीए) संजीव मित्तल ने बताया कि देशभर में 171 अदालतेें हैं, और 1987 से चल रही है। पूर्व सैनिकों के परिजनों के लिए रक्षा पेंशन अदालत भूत पूर्व सैनिकों तक पहुंचने का अच्छा माध्यम है। इसका उद्देश्य पेंशन संबंधी समस्याओं का निस्तारण करना है। रक्षा लेखा विभाग पेंशन अदालत आयोजित करते हैं। जिससे उनकी समस्याएं पता चल सकें। उनसे पता किया जाए क्या उन्हें सही पेंशन मिल रही है या नहीं।

अदालत में पेंशन निस्तारण टीम मौजूद रहती है उनका पूरा डेटाबेस मौजूद रहता है। पेंशन अदालत में बैंक और पेंशन के अधिकारी रहते हैं। हमारी कोशिश रहती है ज्यादा से ज्यादा पेंशन मामले निस्तारण हो सके। रक्षा पेंशन संबंधित अपडेट पोर्टल पर अपडेट किए जाते हैं। रक्षा विभाग का इलाहाबाद का दफ्तर पेंशन की समस्या, नया सेंटर की तैयारी की है जिससे सारी प्रक्रिया डिजिटल होगी। वर्ततमान मेें 32 लाख पेंशनर है, जो हर साल 80 से 85 हजार पेंशनर जुड़ जाते हैं। रक्षा विभाग का बजट साढ़े चार लाख करोड़ है इसका 26 प्रतिशत बजट पेंशनर के लिए जाता है। कंप्रीहेंसिव पेंशन सिस्टम शुरू होगा तब शिकायतों में वृहद स्तर पर कमी आएगी।

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