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370 के बाद पाकिस्‍तान ने भारत के नागरिकता विधेयक पर किये सवाल.

विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रयास किया गया है। इस विधेयक के तहत 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हुए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

नागरिकता संशोधन बिल अगर कानून का रूप लेता है तो पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान और बांग्‍लादेश में धार्मिक उत्‍पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों को सीएबी के तहत भारत की नागरिकता दी जाएगी।

मौजूदा कानून के मुताबिक, किसी भी व्‍यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना अनिवार्य है। इस विधेयक में पड़ोसी देशों के अल्‍पसंख्‍यकों के लिए यह समयावधि 11 से घटाकर छह साल कर दी गई है।नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) को संक्षेप में CAB भी कहा जाता है और यह बिल शुरू से ही विवाद में रहा है।

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