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ताले में हुए कैद करोड़ों में बने शौचालय, लोग खुले में शौच करने को हुए मजबूर

बता दे राजधानी पटना के विभिन्न इलाकों में स्थित निगम के मॉड्यूलर शौचालयों 10 महीने से ताले में कैद हैं। ऐसे में राजधानी वासियों को काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है। लोग शौच बहर करने को हो रहे है मजबूर इससे पटना में गंदगी फैल रही है। कोई सड़क के किनारे तो कोई फुटपाथ पर और तो और कुछ लोग बंद शौचालय के बाहर ही शौच करने को मजूबर हैं.

वही शौचालय के उद्घाटन के कुछ दिनों तक सबकुछ ठीक चला। लेकिन एक पखवारे के बाद ही राजधानी के विभिन्न इलाकों में स्थित मॉड्यूलर शौचालयों की स्थिति सफाई को लेकर गड़बड़ होने लगी। कहीं नल गायब है तो कहीं पानी नहीं है। सबसे ज्यादा जरूरी चीज सफाई भी ठीक तरह से नहीं होती।

सरकार द्वारा पटना में लगभग 120 शौचालय बना गये और बहुत उत्साह के साथ उद्घाटन भी किया गया, लेकिन 10 दिन में ही ताला लग गया। वजह थी की शौचालयों के आसपास गंदगी इकट्ठा होने लगी थी। चारो तरफ गन्दगी फैलने लगी। नल खराब होने लगे जो एजेंसी मेंटेनेंस के काम को देख रही थी उसने हाथ खड़े कर दिए। केंद्र और राज्य की सरकार लगातार बिहार में स्वच्छता अभियान की बात करती है। पीएम मोदी और बिहार के कई केंद्रीय मंत्री हाथ में झाड़ू लेकर कई बार सड़क पर उतर चुके हैं, लेकिन लगता है कि पटना से ना तो केन्द्र सरकार और ना ही बिहार सरकार को कोई लेना देना है.

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