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मुन्ना मास्टर को मिला पद्मश्री पुरस्कार बोली ये बात…

गणतंत्र दिवस पर सरकार ने इस वर्ष के लिए 21 पद्म श्री पुरस्कारों की सूची की घोषणा की है। पुरस्कार पाने वालों में एक लोकप्रिय मुस्लिम भजन गायक मुन्ना मास्टर भी शामिल हैं। वह राजस्थान के जयपुर के एक मुस्लिम परिवार से हैं। वह राम-कृष्ण भजन गाने की पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। आपको बता दे की मुन्ना मास्टर ने कहा मैंने ऐसा सोचा भी नहीं था कि मुझे इस तरह का पुरस्कार मिलेगा।

किसी को सर्वशक्तिमान के प्रति वफादार होना चाहिए क्योंकि कुछ शक्ति है जो हम सभी को नियंत्रित कर रही है साथी उन्होंने यह भी कहा की मैं अपने पुरस्कार के लिए गौ माता को श्रेय देना चाहूंगा।मुन्ना मास्टर ने विभिन्न राम-कृष्ण भजनों का वर्णन किया है और उनकी पुस्तक ‘श्री श्याम सुरभि वंदना’ काफी लोकप्रिय भी है। पद्म श्री पुरस्कार विजेता सूची में, उन्हें भारत के समकालिकता नैतिकता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है जो नमाज पेश करते हैं, भजन गाते हैं, संस्कृत जानते हैं और गायों की देखभाल करते हैं.

इससे पहले 2009 में हस्त कला में रामकिशोर डेरेवाला को हस्तशिल्प में छपाई के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिला था। संगीतज्ञ व गोभक्त मुन्ना मास्टर उर्फ रमजान खान काे पद्मश्री मिलने से कस्बे में खुशी की लहर है। गौरतलब है कि मुन्ना मास्टर के पिता मास्टर गफूर खान भी संगीतज्ञ थे। वे कस्बे के प्राचीन जुगल दरबार मंदिर में राधा कृष्ण और सीताराम के भजन गाते थे।

मास्टर गफूर खान के इकलौते पुत्र मुन्ना मास्टर उर्फ रमजान खान जो कि अपने पिता के साथ मंदिर में जाते थे और वहां पर पिता के साथ रहकर भजन गायकी का रियाज करते थे। धीरे धीरे कस्बे सहित क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर होने वाले धार्मिक आयोजनों में अपने भजनों की प्रस्तुती देने लगे।

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