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शाहीन बाघ के प्रदर्शन को अब बात से सुलझाने पर जोर…..

शाहीन बाघ के प्रदर्शन को अब बात से सुलझाने पर जोर दिया जा रहा है इस पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई सुप्रीम कोर्ट ने कह डाला की प्रदर्शन के नाम पर आप सभी लोग सड़क नहीं बंद कर सकते है सुप्रीम कोर्ट ने कहा की विरोध के नाम पर सड़क जाम नहीं कर सकते है अगर सभी लोग सड़क पर उतर आएंगे तो क्या होगा अब इस मामले में आगे की सुनवाई 24 को होगी

इस दौरान अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि लोकतंत्र लोगों की अभिव्यक्ति से ही चलता है लेकिन इसकी एक सीमा है। यदि हर कोई रोड ब्लॉक करने लगा तो ऐसा कैसे चलेगा। अदालत ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शकारियों से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें प्रदर्शनकारियों से बात करके प्रदर्शनस्थल बदलने के लिए मनाने को कहा है। इसके लिए उन्हें एक हफ्ते का समय भी दिया है

अदालत ने प्रदर्शनकारियों को अपने प्रदर्शन को कहीं और ले जाने के लिए मनाने की जिम्मेदारी दी गई है। अदालत ने इसके लिए उन्हें एक हफ्ते का समय दिया गया है। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने मध्यस्थता के विकल्प को स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा अदालत ने केंद्र, दिल्ली पुलिस और सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए कहा है।अदालत में सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी महिलाओं और बच्चों को ढाल के तौर पर आगे करते हैं।

अदालत ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना मौलिक अधिकार है लेकिन ये भी कुछ प्रतिबंधों के अधीन है सुप्रीम कोर्ट ने कहा की अधिकारों और कर्तव्य के बीच संतुलन जरूरी है। लोगों के पास प्रदर्शन करने का हक है लेकिन सड़क प्रदर्शन करने की जगह नहीं है।

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