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जेएनयू देशद्रोह मामले की दिल्ली की अदालत में हुई सुनवाई

आपको बता दे की जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ देशद्रोह के मामले की आज दिल्ली के एक कोर्ट में सुनवाई हुई। जेएनयू देशद्रोह मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। साथ की कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी अभी तक नहीं मिलने पर पुलिस से दिल्ली सरकार को रिमाइंडर भेजने के लिए भी कहा है। मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी।

दरअसल, जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार,उमर खालिद आदि के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अभी तक दिल्ली सरकार से जरूरी मंजूरी नहीं मिली है। इसी सिलसिल में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वो दिल्ली सरकार को रिमाइंडर भेजे। इसके अलावा कोर्ट ने पब्लिक प्रोसिक्यूटर से भी एक महीने के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है। गौरतलब है कि देशद्रोह के मामले में CRPC के सेक्शन 196 के तहत जब तक राज्य सरकार मंजूरी नहीं दे देती, तब तक कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकता है।

साथ ही यह भी बता दें कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 9 फरवरी 2016 को कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच करते हुए तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की थी और उसी आधार पर पिछले साल अदालत में चार्जशीट दायर की गई थी, जिसमें कन्हैया कुमार समेत अन्य आरोपियों पर देशद्रोह की धारा लगाई गई थी।

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपित बनाया गया था। इनके अलावा आकिब हुसैन, मुजीन हुसैन, बसरत अली समेत सात अन्य आरोपितों का भी नाम आरोप पत्र में शामिल है। पुलिस के अनुसार, 9 फरवरी 2016 को इन सभी आरोपितों ने जुलूस का नेतृत्व किया था जिसमें देशद्रोह नारे लगाए गए थे। आरोप है कि इन सभी ने देशद्रोही नारे का समर्थन किया था।

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