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क्या शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बात कर के खुल जायेगा रास्ता

शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे प्रदर्शन को समाप्त करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त मध्यस्थों की टीम आज प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए पहुंचेगी। पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह, वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकार नियुक्त किया गया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद प्रदर्शनकारी भी आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर शाहीन बाग के मन में क्या चल रहा है।

प्रदर्शन के आयोजकों की कई बैठकें हुई हैं, जिनमें बातचीत के लिए प्रतिनिधियों को चुनाव और ट्रैफिक जाम को रोकने के लिए सड़क के कुछ हिस्से को खोलने के विकल्प पर चर्चा हुई। प्रदर्शनकारी शुरुआत में इस बात पर सहमत हुए कि एक महिला वकील उनका प्रतिनिधित्व करेगी।आयोजकों में से एक आसिफ अहमद ने कहा प्रदर्शन स्थल पर एक लीगल टीम मौजूद है और वकील भी वहां पहुंचते हैं, हालांकि मुख्यरूप से जिम्मेदारी वरिष्ठ महिलाओं पर ही है, जिनमें से 7 तो 15 दिसंबर से लगातार वहीं हैं। हम लोगों का विचार यह है कि हमारे प्रतिनिधि होने का दावा करके कुछ लोग आंदोलन को हाइजैक नहीं कर सकते हैं।

मंगलवार शाम कुछ महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट की वकील महमूद प्राचा को प्रदर्शनस्थल से चले जाने को कहा, जबकि कुछ ने उनकी मौजूदगी का समर्थन किया। एक वरिष्ठ प्रदर्शनकारी सलमा ने कहा, अच्छा होगा कि वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से मिले ना कि केवल कुछ लोगों से। उन्होंने कहा अधिकतर लोग इस पक्ष में है कि स्थान बदल दिया जाए, लेकिन 66 दिन में सरकार ने हमारे प्रदर्शन की ओर ध्यान नहीं दिया है। आपको लगता है कि यदि हम किसी कोने में प्रदर्शन करें तो वह हमारी बात सुनेगी?

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