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प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस वार्ता में कहा की। …..

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री दंगाग्रस्त क्षेत्रों में जाने की बजाय विधानसभा में इन दंगों में मरने वालों का मजहब बता रहे हैं कल सोनिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आज राष्ट्रपति के दरवाजे पर पहुंचे और वहां भाजपा पर दोषारोपण कर रहे हैं कहा कि मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान गए और कहा हमें शाहीन बाग़ से आशा है. सलमान खुर्शीद और शशि थरूर ने इस तरह के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है. AAP विधायक ताहिर हुसैन के घर पर हिंसा में इस्तेमाल किये जाने वालों सामान देखने को मिले. इस पर कांग्रेस चुप क्यों है?

वही जावड़ेकर ने भी कहा की 56 पुलिसकर्मियों पर हुए हमलों पर अन्य राजनीतिक दल चुप क्यों हैं? वे अंकित शर्मा और एक अन्य पुलिस अधिकारी की मौत पर चुप क्यों हैं? इतने पत्रकारों पर भी हमला किया गया. वे इस पर चुप क्यों हैं? ये दो दिन की हिंसा नहीं है दो महीने से लोगों को उकसाया जा रहा है. CAA पारित होने के बाद राम लीला मैदान में सोनिया जी की रैली हुई जिसमें उन्होंने कहा था

कि ये आर- पार की लड़ाई है, फैसला लेना पड़ेगा इस पार या उस पार. उकसाने का काम वहीं से शुरू हुआ जावड़ेकर ने दावा किया कि 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में सोनिया जी ने कहा कि ये आर-पार की लड़ाई है, फैसला लेना पड़ेगा इस पार या उस पार. प्रियंका ने कहा कि लाखों को बंदी बनाया जायेगा, जो नहीं लड़ेगा वो कायर कहलाएगा. राहुल गांधी ने कहा कि आप डरो मत कांग्रेस आपके साथ है.

कहा कि किसी की नागरिकता नहीं जानी है, ये जानते हुए भी जान बूझकर ऐसी गलत बयानी और डर पैदा करना ही इसकी पृष्ठभूमि है. उकसाने का काम वहीं से शुरू हुआ केंद्रीय मंत्री ने कहा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में है. गिरफ्तारियां की गई हैं, पूछताछ तेजी से की गई है, और इससे हिंसा के पीछे के असली दोषी सामने आएंगे.

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