भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर पटना आ चुके हैं। शाह के दौरे को लेकर पार्टी की तैयारियों और कई चरणों में होने वाली बैठकों की योजना से साफ है कि भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष यहां मिशन-2019 फतह का चक्रव्यूह तैयार करेंगे।
पहले ही पहुंचे कई दिग्गज
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव पटना पहुंच चुके हैं। भूपेंद्र के साथ बिहार के सह प्रभारी पवन शर्मा और सीआर पाटिल भी कैंप कर रहे हैं।
सीएम नीतीश से होगी सीटों पर चर्चा
राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा अध्यक्ष के बीच जलपान और रात्रि भोजन के दौरान सीट बंटवारे पर भी चर्चा हो सकती है। शाह की खातिरदारी के लिए नीतीश ने राजकीय अतिथिशाला में सुबह का जलपान कार्यक्रम तय किया है। साथ ही रात्रि भोजन के लिए शाह को अपने सरकारी आवास पर भी आमंत्रित किया है। सूत्रों के अनुसार इस दौरान नीतीश और शाह 2014 की मोदी लहर में भी अछूती रही बिहार की सीटों पर मंत्रणा कर सकते हैं।
मिलकर काम करेंगे सभी घटक दल
राजग की नजर उन सात सीटों पर है, जिन्हें मोदी लहर में भी विपक्षियों ने जीत लिया था। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार शाह ऐसा फार्मूला लेकर आ रहे हैं, जिसपर राजग के चारों घटक दल बिहार में एक साथ मिलकर काम करेंगे।
सीमांचल की सीटों पर जदयू से चर्चा संभावित
भाजपा का प्लान बिहार की सभी 40 संसदीय सीटों पर राजग की जीत सुनिश्चित करना है। माना जा रहा है कि चर्चा के दौरान शाह जदयू से उसके मजबूत जनाधार वाले क्षेत्र सीमांचल की संसदीय सीटों पर ज्यादा फोकस करने का आग्रह करेंगे। दरअसल, नीतीश कुमार के चेहरे को राजग पूरे बिहार के साथ-साथ सीमांचल में विशेष तौर पर भुनाने की कोशिश करेगा, ताकि मिशन-40 के लक्ष्य में आड़े आने वाले कील-कांटे को आसानी से निकाला जाए।
नीतीश की धर्मनिरपेक्ष छवि भुनाने की कोशिश
भाजपा ने सीमांचल में नीतीश के धर्मनिरपेक्ष छवि को भुनाने का प्लान तैयार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राजग की झोली बिहार की 40 संसदीय सीटों में से कुल 31 सीटें आई थीं। अब चूंकि जदयू भी राजग का हिस्सा है, ऐसे में कुल 33 सीटों पर राजग का कब्जा है। बाकी की सात सीटों पर राजद, कांग्रेस, एनसीपी और अन्य का कब्जा है।