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कोरोना संकट : वाराणसी में पुलिसकर्मी की मौत पर डीएम कौशल राज शर्मा ने बैठाई जांच

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का भयावह रूप पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देखने को मिल रहा है. आलम ये है कि प्रत्येक दिन कोरोना से मौत की खबरें आ रही हैं.

बुधवार शाम को एक पुलिसकर्मी की भी कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई. पुलिसकर्मी के मौत के बाद जिला प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए जांच टीम गठित की है.

वाराणसी में प्रत्येक दिन कोरोना के मरीजों की संख्या 150 का आंकड़ा पाकर कर रही है. हालांकि, बुधवार को यह आंकड़ा 54 तक ही सीमित रहा. लेकिन, देर शाम कोरोना से एक पुलिसकर्मी की मौत ने हड़कंप मचा दिया.

मृत पुलिसकर्मी का नाम मनोज पांडेय है, जो वाराणसी के मंडुआडीह थाने में कांस्टेबल पद पर पीआरवी में तैनात थे. उनकी तबियत 23 जुलाई को खराब हुई और दिन दयाल अस्पताल में भर्ती हुए.

24 तारीख को इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. 29 जुलाई को इनकी हालात गंभीर हुई और इन्हें बीएचयू रेफर किया गया, जहां इनकी मौत हो गयी.

वाराणसी में लगातार बीएचयू से लेकर मंडलीय और जिला अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही की खबरें सामने आ रही हैं. कोरोना मरीज खुद लोगों को फोन कर के लापरवाही की स्थिति बयान कर रहे हैं,

जिसमें बताया जा रहा है कि मरीजों को दवा तक मुहैया नहीं कराया जा रहा है. लेकिन, जिला प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुआ था. एक पुलिसकर्मी की मौत पर जिला प्रशासन एक्टिव मोड में आया है

और बीएचयू से लेकर दीनदयाल अस्पताल में सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्थाओं के लिए जांच टीम गठित की है.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने तीन सदस्यीय टीम को गठित किया है, जो अगले 24 घंटे में जांच कर कॉन्स्टेबल के इलाज में हुई लापरवाही की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौपेंगे.

बता दें कि वाराणसी में कोरोना के मरीज की संख्या अब तक 2450 हो चुकी है, जिसमें 1141 मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं तो वहीं 49 लोगों की मौत हो चुकी है.

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