स्वराज नायक बाल गंगाधर तिलक पर कुछ विशेष
भारत में स्वराज के नायक रहे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक आज ही के दिन 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में जन्मे थे. बाल गंगाधर तिलक विद्वान, गणितज्ञ, दार्शनिक और उग्र राष्ट्रवादी व्यक्ति थे. इनका पूरा नाम ‘लोकमान्य श्री बाल गंगाधर तिलक’ था. तिलक का जन्म एक सुसंस्कृत, मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था.
इन्होने ‘इंडियन होमरूल लीग’ की स्थापना सन् 1914 ई. में की और इसके अध्यक्ष रहे तथा सन् 1916 में मुहम्मद अली जिन्ना के साथ लखनऊ समझौता किया, जिसमें आज़ादी के लिए संघर्ष में हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रावधान था. वे हिन्दुस्तान के एक प्रमुख नेता, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता थे. इन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठाई. तिलक ने प्लेग की बीमारी के दौरान देशवासियों की जो सेवा की, उसे भी नहीं भुलाया जा सकता.
बाल गंगाधर तिलक ने साप्ताहिक समाचार पत्रों, मराठी में केसरी और अंग्रेज़ी में द मराठा, के माध्यम से लोगों की राजनीतिक चेतना को जगाने का काम शुरू किया. प्रथम विश्वयुद्ध के ठीक पहले सन् 1914 ई. में उन्होंने ‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ के नारे के साथ इंडियन होमरूल लीग की स्थापना की. 1 अगस्त, सन् 1920 ई. में बंबई में तिलक की मृत्यु हो गई. उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए महात्मा गाँधी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता और नेहरू जी ने भारतीय क्रांति के जनक की उपाधि दी थी.