उत्तराखंडप्रदेश

एकजुटता को लेकर बुलाई बैठक में बिखरी कांग्रेस, दो धड़े आए आमने-सामने

मिशन 2019 समेत तमाम चुनौतियों का मजबूती से मुकाबला करने को एकजुटता पर जोर देते हुए बुलाई गई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विस्तारित बैठक प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह की मौजूदगी में गुटबाजी की भेंट चढ़ गई। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के धड़े आमने-सामने हो गए। हालत ये रही कि एकदूसरे को हावी नहीं होने देने की कोशिशों में बैठक में कई दफा एकदूसरे के समर्थक कार्यकर्ताओं में आपस में तीखी नोकझोंक हुई। 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को तवज्जो नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए विधायक हरीश धामी ने प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत के मंच संचालन पर सवाल खड़े करते हुए विरोध जताया। विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल और राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा समेत हरीश रावत समर्थक कई नेताओं ने मंच से ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व पर परोक्ष तौर पर सवाल उठाते हुए यह चेतावनी भी दे डाली कि सबको साथ में लिए बगैर कांग्रेस आगे नहीं बढ़ सकती। 

प्रदेश में कांग्रेस के भीतर पिछले लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तथा पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के गुटों के बीच गाहे-बगाहे खींचतान नुमायां हो रही है। 

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी बनने के बाद अनुग्रह नारायण सिंह के पहले देहरादून दौरे के सिलसिले में आयोजित की गई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विस्तारित बैठक में गुटबाजी के आगे पार्टी बिखर गई। प्रदेश की सियासत पर मजबूत पकड़ रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नए राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के समर्थकों ने बैठक में रोष जाहिर कर जता दिया कि प्रदेश में कांग्रेस के भीतर रावत गुट को दरकिनार नहीं किया जा सकता। 

एक वेडिंग प्वाइंट में आयोजित इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही जिला व शहर इकाइयों के अध्यक्षों, फ्रंटल संगठनों के अध्यक्षों ने शिरकत की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मिशन 2019 को कामयाब बनाने के लिए पार्टी को एकजुट रखने के मकसद से बुलाई गई बैठक की शुरुआत में ही गुटबाजी के आसार बन गए थे। 

मंच से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को ज्यादा तवज्जो मिलने और उनके पक्ष में नारेबाजी कांग्रेस के नए राष्ट्रीय महासचिव बने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थकों को खूब अखरी। धारचूला से विधायक हरीश धामी मंच संचालन कर रहे प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत पर बरस पड़े। 

विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने तो प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर यह कहते हुए हमला बोल दिया कि राष्ट्रीय महासचिव व सीडब्ल्यूसी सदस्य बनने पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचने पर हरीश रावत की उपेक्षा की गई। प्रदेश अध्यक्ष ने उनका उचित सम्मान नहीं किया। उन्होंने पार्टी में क्षेत्र विशेष की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। 

उन्होंने बैठक में कार्यकर्ताओं को बोलने का मौका नहीं दिए जाने पर सख्त आपत्ति की। कुंजवाल यही नहीं रुके, नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की उपलब्धियों को जानबूझकर पूर्व मंत्री उठा नहीं रहे हैं। उन्हें डर है कि श्रेय हरीश रावत न ले जाएं। जमीनी कार्यकर्ताओं की मन की बात सुने बगैर कांग्रेस को मजबूत नहीं बनाया जा सकेगा। 

राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने भी प्रदेश कांग्रेस और अध्यक्ष पर पिछली हरीश रावत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं और उपलब्धियों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हरीश रावत भले ही असम के प्रभारी बन गए, लेकिन उत्तराखंड में भी वही पार्टी को चुनाव जिताएंगे।

हरीश रावत के करीबी माने जाने पूर्व विधायकों मदन सिंह बिष्ट, जोत सिंह गुनसोला, पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी व मनमोहन सिंह मल्ल समेत कई नेताओं ने भी पिछले विधानसभा चुनाव में भितरघात और अनुशासनहीनता को मुद्दा बनाते हुए प्रदेश प्रभारी से इस पर कार्यवाही की मांग भी की। वक्ताओं ने प्रदेश संगठन पर सहकारिता चुनाव को गंभीरता से नहीं लेने के मामले में भी निशाना साधा। 

विधायक ममता राकेश ने पार्टी को एकजुट रखने पर जोर दिया। पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य, पूर्व विधायक राजकुमार, विजयपाल सजवाण ने भी विचार रखे। वक्ताओं में प्रदेश कांग्रेस की नई बनने वाले कार्यकारिणी को लेकर छटपटाहट भी साफ दिखाई दी। 

प्रदेश प्रभारी तिलमिलाए तो बोलने को मिला वक्त 

गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकर्ताओं को मन की बात नहीं रखने देने के आरोप से प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह तिलमिला गए। उन्होंने तुरंत मंच पर पहुंचकर बोलने के इच्छुक सभी कार्यकर्ताओं को समय देने के निर्देश दिए। इसके बाद निर्धारित से काफी संख्या में अधिक कार्यकर्ताओं ने विचार रखे। इस वजह से कार्यक्रम तय समय से काफी देर रात तक चला।

मोदी की चुनौती से निपटने को हों एकजुट

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विस्तारित बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ा खतरा बताते हुए केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला बोला गया। प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा से मुकाबले को पार्टी को एकजुट होना पड़ेगा। 

पार्टी की मजबूत के लिए अंदरूनी और बाहरी को मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की भावना को ध्यान में रखकर जल्द प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा की जाएगी। 

सुभाष रोड स्थित एक वेंडिंग प्वाइंट में मंगलवार को आयोजित इस बैठक में प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि देश और प्रदेश में लोकतंत्र खतरे में है। नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिसतरह देश को चला रहे हैं, उससे संवैधानिक व्यवस्था खतरे में पड़ गई है। अगले वर्ष लोकसभा चुनाव समेत प्रदेश में होने वाले सभी चुनावों को लेकर कांग्रेस को कमर कसनी होगी। 

उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव और वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को परचम लहराना है। सभी को आपस में एकजुट होकर पार्टी की मजबूती के लिए काम करना होगा। संघर्ष की बदौलत पार्टी खोई प्रतिष्ठा को दोबारा हासिल करेगी। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश की नई बनने वाले कार्यकारिणी में पदों पर ध्यान देने से काम नहीं चलेगा। विधायकों व पार्टी नेताओं को पार्टी के कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर हिस्सेदारी करनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि 2019 मदर ऑफ ऑल इलेक्शन की तरह है। 2019 में देश में लोकतंत्र को बचाने और 2022 में उत्तराखंड को बचाने की लड़ाई लड़नी है। मुकाबले को सभी को एकजुट होना होगा।

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि भाजपा के खिलाफ हिस्सों में बंटकर नहीं लड़ सकते। आपसी मनमुटाव छोड़कर सभी को साथ आना होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि किसी भी वरिष्ठ नेता को उनसे शिकायत है तो सीधे मिल सकते हैं। केंद्र और प्रदेश की सरकारों के खिलाफ संघर्ष में सबको मजबूती से साथ आने की जरूरत है। 

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि मोदी और भाजपा से मिल रही चुनौती का सही ढंग से मुकाबला नहीं किया गया तो अगले दस-बीस साल तक कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ेंगी। उन्होंने राज्यवासियों के वनों पर अधिकार के प्रस्ताव पर पार्टी से समर्थन मांगा। उनकी मांग का समर्थन किया गया। 

इस मौके पर राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी व काजी निजामुद्दीन, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल व तिलकराज बेहड़, विधायक मनोज रावत समेत कई वक्ताओं ने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना और प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत ने किया। 

मोदी पर टूटी मर्यादाएं 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में बड़े और छोटे समेत पार्टी के सभी नेताओं के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे। हालत ये रही कि दिग्गज नेताओं ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करने में मर्यादाओं को ताक पर रखने से गुरेज नहीं किया। 

बैठक में वक्ताओं ने अपने संबोधन में यह साफ कर दिया कि कांग्रेस के लिए आने वाले चुनावों में सबसे बड़ा खतरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए संबोधन में मर्यादाएं लांघते हुए दिग्गज नेताओं ने भी लोमड़ी, लकडबग्घा, बघेरे, रावण, झूठा, ठग, हिटलर, तानाशाह जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से गुरेज नहीं किया।

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