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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम संबोधित करते पीएम मोदी बोले जिनकी किसान पूजा करते हैं उन्हें ये आग लगा रहे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत उत्तराखंड में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छह बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम ने किसान कानून पर जारी विरोध पर भी प्रतिक्रिया दी.

पीएम ने कहा कि किसान बिल पर पीएम ने कहा कि देश के किसानों, श्रमिकों और देश के स्वास्थ्य से जुड़े बड़े सुधार किए गए हैं. इन सुधारों से देश का श्रमिक सशक्त होगा, देश का नौजवान सशक्त होगा, देश की महिलाएं सशक्त होंगी, देश का किसान सशक्त होगा. लेकिन आज देश देख रहा है कि कैसे कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं.

पीएम ने कहा कि आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं. ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए. जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं

पीएम ने कहा कि इस कालखंड में देश ने देखा है कि कैसे डिजिटल भारत अभियान ने, जनधन बैंक खातों ने लोगों की कितनी मदद की है.जब यही काम हमारी सरकार ने शुरू किए थे, तो ये लोग इनका विरोध कर रहे थे. देश के गरीब का बैंक खाता खुल जाए, वो भी डिजिटल लेन-देन करे, इसका इन लोगों ने हमेशा विरोध किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की पहल पर जब पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही थी, तो ये भारत में ही बैठे ये लोग उसका विरोध कर रहे थे. जब सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण हो रहा था, तब भी ये लोग इसका विरोध कर रहे थे. आज तक इनका कोई बड़ा नेता स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नहीं गया है.

पीएम ने कहा कि प्रयागराज कुंभ में गंगा जी की निर्मलता को दुनियाभर के श्रद्धालुओं ने अनुभव किया था. अब हरिद्वार कुंभ के दौरान भी पूरी दुनिया को निर्मल गंगा स्नान का अनुभव होने वाला है. उन्होंने कहा कि अब गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा. ये म्यूजियम हरिद्वार आने वाले पर्यटकों के लिए, गंगा से जुड़ी विरासत को समझने का एक माध्यम बनने वाला है.

पीएम ने कहा कि आज पैसा पानी में नहीं बहता, पानी पर लगाया जाता है. हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय, अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था. इन मंत्रालयों में, विभागों में न कोई तालमेल था और न ही समान लक्ष्य के लिए काम करने का कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश थे. नतीजा ये हुआ कि देश में सिंचाई हो या फिर पीने के पानी से जुड़ी समस्या, ये निरंतर विकराल होती गईं. आप सोचिए, आजादी के इतने वर्षों बाद भी 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पीने का पानी नहीं पहुंचता था.

उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ अब ये मंत्रालय देश के हर घर तक जल पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है. आज जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब 1 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है. सिर्फ 1 साल में ही देश के 2 करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है.

बता दें पीएम ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उसमें हरिद्वार के जगजीतपुर में 68 एमएलडी के जल-मल शोधन संयंत्र का निर्माण, 27 एमएलडी के मौजूदा जल-मल शोधन संयंत्र का उन्नयन और हरिद्वार के सराय में 18 एमएलडी का जल-मल शोधन संयंत्र का निर्माण शामिल है.

पीएम ने कहा कि देश में पानी से जुड़ी सभी चुनौतियों से निपटने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया. पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ ये मंत्रालय आज हर घर पानी पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है.

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