अमित शाह: घुसपैठियों पर अपना स्टैंड स्पष्ट करे विपक्ष
नई दिल्ली। असम में एनआरसी यानी नेशनल रजिस्ट्रेशन सिटीजनशिप की लिस्ट जारी होने के बाद इस पर जारी सियासत को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष को खरी—खोटी सुनाई है। अमित शाह ने इस मामले में विपक्ष से कहा कि वह बांग्लादेशी घुसपैठियों पर अपना मत स्पष्ट करे कि आखिर वह उन्हें क्या मानता है? अमित शाह ने एनआरसी मुद्दे को लेकर एक प्रेसवार्ता में विपक्ष पर पलटवार किया।
अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि एनआरसी को राजीव गांधी के कार्यकाल में लागू किया गया था, लेकिन कांग्रेस के पास हिम्मत नहीं थी कि वह बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से निकाले। हमने इसे पूरा करने की हिम्मत दिखाई और एनआरसी ड्राफ्ट जारी किया। उन्होंने कांग्रेस सहित तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों पर पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष भाजपा पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगा रहा है, लेकिन हम नहीं बल्कि वे यानी विपक्ष वोट बैंक की राजनीति कर रहा है, तभी घुसपैठियों को देश का नागरिक बता रहा है, ताकि आगामी चुनाव में उसे इनका वोट हासिल हो सके। लेकिन हम बता दें कि जो देश के नागरिक नहीं है, उन्हें वोट देने का भी अधिकार नहीं है
अमित शाह ने विपक्ष पर अपना हमला जारी रखा और संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष को बांग्लादेशी घुसपैठियों पर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद में मुझे बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि एनआरसी की पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई है और यह पूरी तरह से विश्वसनीय है।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस सहित विपक्ष बीजेपी पर मानवाधिकार हनन का अरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा कि हम मानवाधिकारों के समर्थक हैं, लेकिन केवल भारतीय लोगों के। जो घुसपैठिये हैं, उन्हें हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जनता पार्टी देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
अमित शाह ने कहा कि असम में हर भारतीय को रहने का अधिकार है फिर चाहे वह किसी भी राज्य से हो, लेकिन विदेशी लोगों को हम नहीं रहने देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिनके नाम नहीं है, उन्हें एक और मौका दिया है कि आप अगर भारत के नागरिक हैं, तो अपने दस्तावेज दिखा दो। अगर दस्तावेज नहीं है, तो आप घुसपैठिए हैं।
क्या है विवाद: असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों को अलग करने को लेकर एनआरसी ड्राफ्ट तैयार किया गया। इस ड्राफ्ट में बांग्लादेश के 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.90 करोड़ वैध नागरिक पाए गए, जबकि शेष 40 लाख नागरिकों के नाम इसमें नहीं है। कहा जा रहा है कि यह घुसपैठिए हैं। इसी को लेकर सरकार और विपक्ष आमने—सामने है।
बता दें कि आज इस मामले में राज्यसभा में खूब हंगामा हुआ, जिसके बाद उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति ने सदन को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।