15 दिसंबर के बाद से गंगा नदी में नहीं गिरेगा कोई नाला: CM योगी
कानपुर। गंगा को 15 दिसंबर तक प्रदूषण मुक्त करने के वादे को सरकार ने सोमवार को पूरे आत्मविश्वास और जोरदारी से दोहराया। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत कानपुर व बिठूर के 20 घाटों के जीर्णोद्धार का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम अपनी डेडलाइन (15 दिसंबर) तक गंगा को शत-प्रतिशत स्वच्छ कर देंगे। वहीं, केंद्रीय भूतल परिवहन, नदी संरक्षण एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गंगा को अविरल-निर्मल करने का सपना हर हाल में पूरा होगा। पैसे की कोई कमी नहीं है।
सोमवार सुबह कानपुर पहुंचे मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने सबसे पहले गंगा बैराज और फिर भैरोघाट पर नमामि गंगे परियोजना के तहत चल रहे कार्यों का निरीक्षण कर समय से पूरा करने के निर्देश दिए। इसके बाद चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि परिसर पहुंचे। यहां कानपुर और बिठूर के 20 घाटों के जीर्णोद्धार का लोकार्पण रिमोट का बटन दबाकर किया। कानपुर के लिए गठित गंगा टास्क फोर्स की लांचिंग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 जनवरी को कुंभ का पहला स्नान है। मैंने अफसरों को डेडलाइन दे दी है कि 15 दिसंबर के बाद कहीं भी गंदा नाला गंगा में गिरने की शिकायत न आए। अगले साल का प्रोजेक्ट तय कर लिया है। गंगा के तट पर बड़े तालाब और पेड़ लगाकर जलस्तर बढ़ाया जाएगा। मूल धारा को नहीं छेड़ा जाएगा। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री ने इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजना बनाई, जिसमें सबसे अधिक साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को दिए।
मुख्यमंत्री से कहा कि गंगा बेसिन के शुद्धिकरण के लिए कोई भी डीपीआर बनाकर मेरे पास भेजें, उप्र की हर योजना को आठ दिन में मंजूरी और भरपूर धन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा को सबसे अधिक प्रदूषित दस शहर करते हैं, इनमें सबसे ज्यादा कानपुर करता है। यहां के दो नाले विश्वप्रसिद्ध हैं। एक बंद होने वाला है और दूसरे का काम अगस्त में शुरू होगा। कानपुर में सीवेज के सभी प्रोजेक्ट तीन माह में पूरे हो जाएंगे। मंच पर केंद्रीय राज्यमंत्री जल संसाधन डॉ. सत्यपाल सिंह, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी और सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।
कानपुर-लखनऊ ग्रीन एक्सप्रेस वे को पांच हजार करोड़
केंद्रीय मंत्री ने कहा, कानपुर में बायो सीएनजी का प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है। यहां इतनी गंदगी है कि पांच हजार बसें उससे बनी सीएनजी से चल जाएं। साथ ही पांच हजार करोड़ रुपये से कानपुर-लखनऊ ग्रीन एक्सप्रेस वे बना रहे हैं, जिससे 40 मिनट में सफर पूरा होगा। कानपुर में गंगा नदी के सफाई का हाल जानने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आज कानपुर में थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ और भूतल परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने भैरोघाट पर सीसामऊ नाले को टैप करने के कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने जल निगम के अफसरों से प्रोजेक्ट के बारे में जाना। मुख्यमंत्री ने महाप्रबंधक से कहा वे हर हाल में निर्धारित अवधि में नाले को टैप कर दें। किसी भी कीमत पर 15 दिसंबर के बाद गंगा नदी में कोई भी नाला नहीं गिरना चाहिए। कुंभ का पहला स्नान 15 जनवरी को प्रयागराज में होगा। देश व दुनिया से करोड़ों लोग यहां आएंगे। सभी के स्वागत के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उसके लिए हम सुनिश्चित करेंगे कि गंगा जी से जुड़ी सभी परियोजनाओं को समय से पूरा कर लिया जाए।
सीएम ने कहा कि अन्य नालों को भी टैप करने का कार्य अतिशीघ्र शुरू करा दें। इससे पहले उन्होंने गंगा बैराज पर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत हो रहे घाट के निर्माण का कार्य देखा। इस समय गंगा नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण वहां काम रुका पड़ा है। इस अवसर पर उनके साथ औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही भूतल परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने भैरोघाट पर सीसामऊ नाले को टैप करने के कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने जल निगम के अफसरों से प्रोजेक्ट के बारे में जाना। शहर में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत कुल कितने नाले टैप हो रहे हैं इसकी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अन्य नालों को भी टैप करने का कार्य अतिशीघ्र शुरू करा दें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी कानपुर पहुंचे। उन्होंने गंगा बैराज पर नमामि गंगे के कार्य का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया है पहले उन्हें जनसभा को संबोधित करना था लेकिन सबसे पहले गंगा बैराज पहुंचे। नमामि गंगे प्रोजेक्ट की समीक्षा में कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, मुरादाबाद, और गाजियाबाद के अधिकारी भाग लेंगे। समीक्षा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व नितिन गडकरी के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना और सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी भी होंगे। यहां गंगा स्वच्छता में सहभागिता के लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत गठित की गई सेना की गंगा टास्क फोर्स की लांचिंग की जाएगी। यहां जनसभा भी होगी, जिसमें पांच हजार लोगों के बैठने का इंतजाम किया गया है।
सीएसए में आयोजित जनसभा से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने गंगा स्वच्छता टास्क फोर्स का शुभारंभ किया। इस टास्क फोर्स में सेना के जवान शामिल किए गए हैं जो गंगा की स्वच्छता के लिए कार्य करेंगे। उनमें पड़ने वाला कचरा निकालेंगे। साथ ही विभिन्न शहरों में जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को गंगा की निर्मलता के प्रति जागरूक करेंगे। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने नमामि गंगे योजना के तहत बने घाटों का लोकार्पण किया। शहर के लोगों को गंगा की स्वच्छता के लिए आगे आने की अपील मुख्यमंत्री ने की।
उधर मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाने की तैयारी कर रहे सपा नेताओं को पुलिस ने उनके घरों में ही कैद कर लिया। सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी को भी पुलिस ने नजरबंद किया। कुछ सपा कार्यकर्ता काले झंडे लेकर कानपुर विकास प्राधिकरण तक पहुंचे हालांकि पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
टास्कफोर्स के हाथ गंगा स्वच्छता की कमान
निर्मल-अविरल गंगा के लिए सेना भी निगरानी और लोगों को जागरूक करने को तैयार है। सोमवार को नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत हुए गठित गंगा टास्क फोर्स का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने शुभारंभ किया।
गंगा की निगरानी के लिए इसी वर्ष अप्रैल से गंगा टास्क फोर्स इलाहाबाद में काम कर रही है। ऐसी ही टास्क फोर्स की स्थापना की आवश्यकता कानपुर में भी महसूस की जा रही थी। सोमवार को सीएसए में आयोजित कार्यक्रम में ब्रिगेडियर डीएस चौहान और कर्नल एसपीएस संधू की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने टास्क फोर्स का शुभारंभ किया। कर्नल संधू ने बताया कि 137 सीआइटीएस बटालियन व 39 गोरखा रायफल का गठन ही गंगा की निगरानी के लिए किया गया है। इसे गंगा टास्क फोर्स भी कहा जाता है।
कानपुर की गंगा टास्क फोर्स में 4 जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) और सौ जवान होंगे। इन जवानों को वन विभाग द्वारा वानिकी का प्रशिक्षण दिया गया है। सेना जल्द ही गंगा में निगरानी का काम शुरू कर देगी। टास्क फोर्स प्रमुख रूप से जन जागरुकता, नदी के किनारे पौधरोपण, जलीय जंतुओं के संरक्षण पर काम करेगी। इसके अलावा हर सात दिनों में प्रयोगशाला में गंगा के पानी के नमूने लेकर उनका परीक्षण कर रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।