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बिहार में CM नीतीश का बड़ा एेलान: बिना लिखित परीक्षा होगी डॉक्टरों व इंजीनियरों की नियुक्ति

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में डॉक्टरों और इंजीनियरों की नियुक्ति बिना लिखित परीक्षा के होगी, तकनीकी सेवा भर्ती आयोग  सिर्फ सर्टिफिकेट देखकर अपने काम को आगे बढ़ाएगा।उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की संख्या और अधिक बढ़ाने की जरूरत है।

नीतीश ने कहा कि जब एमबीबीएस की परीक्षा उम्मीदवार पास कर लेगा तो फिर लिखित परीक्षा की क्या जरूरत है? उनका सिर्फ सर्टिफिकेट देख लीजिए। एमबीबीएस पास छात्रों के लिए राज्य में ही अवसर उपलब्ध रहेगा। यहां से पास कर छात्र बाहर चले जाएं, यह ठीक नहीं। डॉक्टरों के पद सृजित करें।

सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 784 करोड़ की लागत से 301 योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया और पीएमसीएच को विश्व स्तरीय अस्पताल के रूप में परिवर्तित किए जाने की योजना पर भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि पीएमसीएच को पांच हजार बेड का अस्पताल अगले पांच वर्षों में बनाया जाएगा। तीन चरणों में यह काम होगा। दुनिया में कहीं भी पांच हजार बेड का अस्पताल नहीं है। पहले हिस्से का काम जल्द आरंभ होगा। निर्माण कार्य की वजह से पीएमसीएच में इलाज की व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कचरा के निष्पादन की व्यवस्था सभी जगहों पर होनी चाहिए। स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर कुछ इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए कि वहां सभी तरह की सुविधा मिल जाए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने स्वास्थ्य सेक्टर में आवश्यक चीजों पर नजर रखी है। याद करें जब सरकारी अस्पतालों के बेड खाली रहते थे। बेड पर मरीज नहीं कुत्ता रहता था। अस्पतालों में अब और अधिक बेड चाहिए। अब हरेक मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना का निर्णय है।आईजीआईएमएस में तो यह खुल भी गया है।

निपाह को ले जागरूक रहें 

मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने केरल में निपाह वायरस से हो रही बीमारी की चर्चा करते हुए कहा कि इसके प्रति स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करे। बिहार के आदमी भी केरल में काम कर रहे हैैं। यह देखा जाए कि वह कहीं बीमार होकर तो नहीं आ रहा? पेड़ से गिरे आम को नहीं खाएं।

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