इमरान ने बनाई ये कैबिनेट टीम, शिरीन माजरी भी हैं शामिल
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी समेत 21 सदस्यीय मंत्रिमंडल की घोषणा की. साल 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान भी कुरैशी विदेश मंत्री थे. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रवक्ता फवाद चौधरी ने कहा कि घोषित किए गए 21 नामों में से 16 मंत्री होंगे, जबकि पांच अन्य प्रधानमंत्री के सलाहकार के तौर पर अपनी ड्यूटी निभाएंगे. उन्होंने बताया कि नए मंत्रिमंडल के सोमवार को राष्ट्रपति भवन में शपथ लेने की संभावना है.
चौधरी द्वारा टि्वटर पर साझा की गई सूची के अनुसार, कुरैशी को विदेश मत्री, परवेज खट्टक को रक्षा मंत्री और असद उमेर को वित्त मंत्री बनाया गया है. रावलपिंडी के शेख राशिद को रेल मंत्री नियुक्त किया गया है. तीन महिलाएं शिरीन मजारी, जुबैदा जलाल और फहमिदा मिर्जा भी मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं. मंत्री का दर्जा रखने वाले पांच सलाहकारों में पूर्व बैंकर इशरत हुसैन, कारोबारी अब्दुल रज्जाक दाऊद और बाबर अवान जैसे प्रतिष्ठित चेहरे शामिल हैं. बता दें कि शिरीन माजरी ने साल 1999 में कारगिल युद्ध खत्म होने के बाद एक लेख में पाकिस्तान को सलाह दी थी कि वह भारत पर परमाणु हमला कर दे.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने 25 जुलाई को हुए आम चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं. इमरान अपने प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार शाहबाज शरीफ को हराकर प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली है. नेशनल असेम्बली ने शुक्रवार को इमरान खान को देश का प्रधानमंत्री निर्वाचित किया था. इस दौरान उनके पक्ष में 176 वोट पड़े, जबकि उनके विरोधी शाहबाज शरीफ को 96 वोट मिले. प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान ने संसद में अपने भाषण में भ्रष्टाचार रोधी अभियान को तेज करने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि कर्ज लेने के बजाय वह देश में राजस्व पैदा करने पर ध्यान देंगे.
उन्होंने कहा, ‘मैं न तो देश का पैसा लूटने वालों में से किसी को छोड़ूंगा और न ही राष्ट्र के खजाने को लूटने वालों को कोई छूट दूंगा. मैं सबके लिए सख्त उत्तरदायित्व तय करूंगा.’ खान ने कहा, ‘मैं किसी अधिनायक के कंधे पर सवार नहीं होऊंगा. मैं 22 साल के संघर्ष के बाद इस मुकाम पर पहुंचा हूं.’ हालांकि विपक्षी दलों ने उन पर शक्तिशाली सुरक्षा व्यवस्था के बूते वोट में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है. पिछले महीने चुनाव के बाद से ही वे विरोध कर रहे हैं.