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किसान आंदोलन के चलते पंजाब के एक और किसान ने की आत्महत्या

पठानकोट-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ते लदपालवा टोल प्लाजा के समीप एक किसान ने कृषि कानूनों के विरोध में जहर निगल लिया.

इसके चलते किसान को इलाज के लिए निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई. किसान की मौत के बाद अन्‍य किसानों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया.

इस सबंध में जानकारी देते किसानों ने बताया कि किसान सुच्चा सिंह संघर्ष में हिस्सा लेने के लिए पहुंच था. उसने कहा था कि उससे किसानों का दुख देखा नहीं जा रहा और लगता है कि इसी वजह से उस ने अपनी शहादत दी है.

मृतक के साथी किसान दलजीत सिंह ने बताया कि सुबह 11 बजे सुच्चा सिंह गुरदासपुर से लदपालवां धरने पर पहुंचे और साथ में सब्जियां ले आए. उन्होंने धरने के लिए 10 हजार रुपये सहयोग राशि दी

कहा कि अब यह कृषि कानून और किसानों का दर्द उन्हें बहुत दुख दे रहा है इसके बाद वह देर शाम वहीं बैठे रहे. अचानक साढ़े छह बजे उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें चौहान मेडिसिटी ले गए. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत करार दे दिया.

दिल्ली धरने से लौटे फिरोजपुर के गांव सवाईके निवासी युवा किसान लवप्रीत सिंह की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.

लवप्रीत सिंह एक सप्ताह पहले टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में गया था. तबीयत बिगड़ने पर वह 10 जनवरी को गांव लौट आया. मंगलवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई.

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