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हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की हुई बैठक

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के छठे दिन गतिरोध तोड़ने के लिए सरकार ने पहल की है. विधासभा स्पीकर विपिन परमार ने कांग्रेस विधायकों को बैठक के लिए बुलाया है.

कांग्रेस विधायक दल ने पांच विधायकों को बातचीत के लिए अधिकृत किया है और इनमें आशा कुमारी, रामलाल ठाकुर, धनीराम शांडिल, सुखविंद्र सिंह सुक्खू और जगत सिंह नेगी स्पीकर से बातचीत करेंगे.

वहीं, सरकार की ओर से सीएम जयराम ठाकुर, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज और महेंद्र सिंह ठाकुर बैठक में मौजूद हैं. बातचीत में गतिरोध टूटने के आसार हैं. वहीं, बजट में विपक्ष के हाजिर होने पर अभी तक संशय बना हुआ है. हिमाचल विधानसभी में शनिवार को बजट पेश किया जाएगा.

बजट सत्र के छठे दिन शुक्रवार को भी विधानसभा के बाहर कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन किया. कांग्रेस का कोई भी विधायक सदन में नहीं गया और 11 बजे शुरू हुई सदन की कार्यवाही में विपक्षी दल कांग्रेस के बगैर ही प्रश्नकाल चलता रहा.

हिमाचल बजट सत्र: गतिरोध तोड़ने के लिए सरकार ने की पहल, कांग्रेसी नेताओं से हुई बैठक

भाजपा, निर्दलीय और माकपा के विधायक ही मंत्रियों से सवाल पूछते रहे तो वहीं, दूसरी ओर, कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर के बाहर पहुंचते ही नारेबाजी की. वहीं, कांग्रेस विधायक दल की आपात मीटिंग भी शिमला में हुई है.

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर हिटलरशाही करने के आरोप लगाए. कांग्रेस के ये विधायक नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री समेत पांच सदस्यों के निलंबन की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं.

इससे पहले, गुरुवार को वीरभद्र सिंह भी धरने पर बैठे थे. सरकार अब थोड़ा बैकफुट में है. क्योंकि यदि बिना विपक्ष के बजट पेश किया जाएगा तो कहीं ना कहीं जनता में गलत संदेश जाएगा.

26 फरवरी का यह मामला है. राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था. इस दौरान राज्यपाल की गाड़ी रोकी गई थी. काफी धक्कामुक्की और गहमागहमी हुई थी. बाद में स्पीकर ने कांग्रेस के पांच विधायको को सस्पेंड कर दिया था. वहीं, राज्यपाल से बदलसूकी पर इनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था.

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