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समंदर में फंसे भारतीय नेवी अफसर को बचाने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने भेजा प्लेन

दक्षिणी हिंद महासागर में आए तूफान में फंसकर घायल हुए भारतीय नौसेना के अफसर अभिलाष टॉमी संदेशों के जरिए फ्रांस में मौजूद रेस आयोजकों के साथ संपर्क में हैं. सेना के एक प्रवक्ता ने बताया है कि वह चल पाने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए उन्होंने एक स्ट्रेचर का निवेदन किया है. हालांकि, उन तक पहुंचने में कई दिनों का वक्त लग सकता है.

अभिलाष टॉमी गोल्डन ग्लोब रेस में हिस्सा ले रहे थे. इस रेस में याट के माध्यम से 48280 किमी की विश्व यात्रा अकेले ही की जाती है. इसमें वही नौकाएं इस्तेमाल की जाती हैं जो 50 साल पहले इस रेस में इस्तेमाल हुई थीं. इसमें कोई भी नई तकनीक इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती, सिवाय संचार के उपकरणों के.

गोल्डन ग्लोब रेस में स्वदेश निर्मित याट ‘एस वी थुरिया’ पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे कमांडर टॉमी को शुक्रवार को कमर में चोट लग गई थी जब 14 मीटर ऊंची लहरों वाले खतरनाक तूफान में उनके याट का एक हिस्सा टूट गया था.

ऑस्ट्रेलियाई संयुक्त बचाव समन्वय केंद्र (जेआरसीसी) के हवाले से कहा गया है- “कमांडर टॉमी संदेशों के माध्यम से फ्रांस में ‘रेस कंट्रोल’ के साथ संपर्क में हैं. रेस कंट्रोल जेआरसीसी ऑस्ट्रेलिया को संदेश प्रसारित कर रहा है.”

दूसरे प्रतिभागी ‘एस वी हानले एनर्जी एंडुरेंस’ भी एस वी थुरिया की तरफ बढ़ रहे हैं. हालांकि इस पोत को खुद भी बहुत नुकसान पहुंचा है. मछली पकड़ने में इस्तेमाल होने वाला ऑस्ट्रेलियाई पोत ‘ओशिरिस’ भी उस स्थान की तरफ बढ़ रहा है जहां टॉमी फंसे हुए हैं. इसमें बताया गया कि ओशिरिस में एक चिकित्सा अधिकारी सवार हैं और उसमें एक बिस्तर वाला अस्पताल भी मौजूद है.

एक रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी शिप भी वहां के लिए रवाना होगा और वह चार से पांच दिन में वहां पहुंचेगा. पी8आई विमान भी कल से उपलब्ध होगा जबकि एक असैन्य विमान को भी मौके पर भेजा जाएगा. भारतीय नौसेना ने इससे पहले कहा था कि अधिकारी को बचाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

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