दिल्ली एनसीआरप्रदेश

केजरीवाल सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस, इन राज्यों से दिल्ली आने वाले लोगों को 14 दिनों तक रहना होगा क्वारंटीन

नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर लगातार बेकाबू होते जा रही है।  कोरोना संक्रमितों की संख्या और इस महामारी की वजह से मौत का आकंड़ा देश में हर दिन नया रिकॉर्ड रिकॉर्ड बना रहा है। केंद्र से लेकर तमाम राज्यों की सरकारें इस महामारी से निपटने के लिए लगातार कोशिशों में जुटा है। इसी कड़ी में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार नई गाइडलाइंस जारी की है।

केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से दिल्ली आने वाले लोगों को 14 दिनों तक क्वारंटीन रहने की बात कही है। इस बाबत केजरीवाल सरकार ने पेड क्वारंटीन और सरकारी क्वारंटीन सुविधाओं को चिन्हित भी किया है। दिल्ली सरकार ने ये कदम आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में कोरोना के नए वेरिएंट के सामने आने के बाद लिए है। साथ ही दिल्ली सरकार ने साफ किया है अगर कोई भी व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसे 7 दिनों तक इंस्टिट्यूशन क्वारंटीन में रखा जाएगा।

दिल्ली सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइंस के मुताबिक जो लोग ट्रेन, बस या हवाई जहाज किसी भी ट्रांसपोर्ट से दिल्ली आएंगे तो उनहें इंस्टीट्यूशनल या पेड क्वारंटाइन करना होगा। 72 घंटे पहले जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई है और जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग गई हैं, उन्हें सिर्फ सात दिन के लिए होम क्वारंटाइन किया जाएगा। हालांकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से दिल्ली होते हुए बिना रुके कहीं और जाने की इजाजत होगी, जो लोग बिना लक्षण वाले हें और ऑफिशियल काम से दिल्ली आ रहे हैं उनके क्वारंटीन रहना जरूरी नहीं है।

अगर होम क्वारंटीन की सुविधा नहीं है तो 7 दिन के लिए पेड या इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन किया जाएगा। जो लोग राज्य भवन में करेंगे उनके लिए रेजिडेंट कमिश्नर और जो लोग होटल में रहेंगे उनके लिए होटल का मालिक क्वारंटीन के नियम का पालन करवाने के लिए जिम्मेदार होगा।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने आदेश में कहा है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कोरोना का बेहद खतरनाक वायरस सामने आया है। यह वायरस बहुत कम समय में बहुत तेजी से फैलता है। इसकी संक्रमण और बीमारी फैलने की गति भी बेहद तेज है। इसलिए इन राज्यों से विमान, रेल, बस अथवा कार से आने वाले यात्रियों के संबंध में ये अतिरिक्त एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है।

Related Articles

Back to top button