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स्पेन : लगभग 50 साल बाद ला-पाल्मा महाद्वीप का सबसे खतरनाक ज्वालामुखी फटा

स्पेन में 50 साल बाद ला-पाल्मा महाद्वीप का सबसे खतरनाक ज्वालामुखी फिर फट गया है. आसपास के इलाकों में तेजी से बहते लावा ने अनेक घरों को नष्ट कर दिया. ज्वालामुखी फटने के बाद खतरे को देखते हुए

10 हजार से ज्यादा परिवारों को फौरन सुरक्षित दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया गया. कई जानवरों को भी निकाला गया. इससे पहले कुंबरे विऐज पर्वत श्रंखला में यह ज्वालामुखी 1971 में फटा था.

अटलांटिक महासागर में स्पेन के द्वीप ला पाल्मा में ज्वालामुखी के फटने से रुक-रुककर भूकंप के झटके आ रहे. अमेरिका से लेकर कनाडा तक सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है. 85,000 की आबादी वाला ला पाल्मा, अफ्रीका के पश्चिमी तट के निकट स्पेन के कैनरी द्वीपसमूह के आठ ज्वालामुखी द्वीपों में से एक है.

ला पाल्मा के अध्यक्ष मारियानो हेरनानंदेह ने बताया कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन लावा बहने से तटों पर स्थित आबादी वाले इलाकों को लेकर चिंता बढ़ गई है.

स्पेन के नेशनल जियोलॉजी इंस्टीट्यूट के प्रमुख इताहिजा डोमिनगुऐज ने बताया कि ज्वालामुखी फटने की प्रक्रिया कब तक चलती रहेगी यह बताना अभी मुश्किल है लेकिन पिछली बार यह कई तीन हफ्तों तक होता रहा था.

स्पेन के प्रधानमंत्री प्रेडो सांचेज ने पुष्टि की कि ला पाल्मा द्वीप पर ज्वालामुखी के फटने से मानव जीवन को कोई खतरा नहीं है. सांचेज ने कहा, “हमें ला पाल्मा के नागरिकों को यह समझाना होगा कि उनकी सुरक्षा की गारंटी है.

हम एक सप्ताह से काम कर रहे हैं कि विस्फोट होने पर कैसे कार्य किया जाए. सिविल गार्ड, पुलिस, फायर ब्रिगेड, रेड क्रॉस और स्पैनिश मिल्रिटी की इमरजेंसी रिस्पांस यूनिट सभी को द्वीप पर तैनात कर दिया गया है.”

ला पाल्मा का सतह क्षेत्रफल 700 वर्ग किमी से अधिक है और लगभग 85,000 लोगों की आबादी यहां रहती है. रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से इस क्षेत्र में सात रिकॉर्ड किए गए विस्फोटों का अनुभव हुआ है. अंतिम दो विस्फोट 1949 और 1971 में हुए थे, बाद वाला 10 दिनों तक चला.

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