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कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हुई अंतिम अरदास में

कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आगामा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की बिगुल फूंक चुकी है। वह फिलहाल किसी भी मौके को हाथ से नहीं जाने के मूड में है। यही वजह है कि उन्होंने बिना समय गंवाए अपने भाई

और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ लखीमपुर कांड के पीड़ितों से मिलने की योजना बना ली। आज वहां हिंसा में मारे गए किसानों का अंतिम अरदास है। प्रियंका गांधी भी इसमें शामिल होने के लिए लखीमपुर खीरी पहुंच रही हैं।

हालांकि भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के पदाधिकारी के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल के राजनेता को मंगलवार की अंतिम प्रार्थना में किसान नेताओं के साथ मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहां केवल संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मौजूद रहेंगे।

आपको बता दें कि लखीमपुर-खीरी के तिकुनिया में अंतिम अरदास और अस्थि कलश यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसके लिए पर्याप्त पुलिस फोर्स लगाए गए हैं। पीएसी, पैरामिलिट्री, आरएपफ और एसएसबी को भी शहर से लेकर तिकुनिया तक मुस्तैद किया गया है। ड्रोन कैमरों से निगरानी रहेगी।

लखीमपुर कांड में मारे गए किसानों लवप्रीत सिंह, नछत्तर सिंह, दलजीत सिंह और गुरविंदर सिंह के लिए अंतिम अरदास होनी है। इसके अलावा पत्रकार रमन कश्यप के लिए भी प्रार्थना सभा होगी। अंतिम अरदास का कार्यक्रम तिकुनिया में रखा गया है। जिसमें भारी संख्या में किसानों के जुटने की संभावना है।

आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह और एडीजी जोन एसएन सावत जिले में कैंप कर रहे हैं। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था में पांच आईपीएस, पांच एएसपी और आठ सीओ लगाए गए हैं। बड़ी संख्या में इंस्पेक्टर और दरोगाओं को भी लगाया गया है।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा, “कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ‘अंतिम अरदास’ में शामिल होने लखीमपुर खीरी जाएंगी। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय कुमार लल्लू, राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर,

रोहित चौधरी, पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी और उप्र विधान सभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा और विधान परिषद में कांग्रेस के दल नेता दीपक सिंह समेत कई प्रमुख नेता भी जाएंगे।”

तीन अक्टूबर की घटना लखीमपुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर तिकुनिया-बनबीरपुर रोड पर हुई है, जब किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनबीरपुर जाने का विरोध कर रहे थे।

इस घटना में चार किसान, एक पत्रकार और तीन अन्य (जो इस घटना के बाद पीट-पीट कर मार दिए गए थे) की मौत हो गई थी। मरने वाले किसानों में दो लखीमपुर खीरी और दो पड़ोसी बहराइच जिले के थे।

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