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उत्तर प्रदेश विधानसभा को कई सालो बाद मिलेगा आज उपाध्यक्ष

यूपी विधानसभा को लगभग 14 साल बाद आज विधानसभा का उपाध्यक्ष मिलने जा रहा है. आखिरी बार साल 2007 में राजेश अग्रवाल यूपी विधानसभा के आखिरी डिप्टी स्पीकर थे.

उसके 14 साल बाद यूपी में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के लिए चुनाव होने जा रहा है. इसके लिए आज विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है. नामांकन के लिए रविवार का दिन रखा गया था.

डिप्टी स्पीकर पद के लिए बीजेपी और सपा ने दावेदारी जताई है. बीजेपी ने जहां सपा के विधायक के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को समर्थन दिया है तो सपा ने पूर्व मंत्री नरेंद्र वर्मा को मैदान में उतारा है.

अब दोनों ही दल अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. नितिन अग्रवाल के नामांकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सरकार के कई मंत्री और बीजेपी के कई विधायक शामिल हुए.

सपा ने डिप्टी स्पीकर पद को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. सपा ने कहा कि हमेशा से ये परंपरा रही है कि विधानसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के सदस्य को ही उपाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया जाता है, जबकि बीजेपी इस परंपरा को तोड़ने में जुटी है.

सपा प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा ने कहा कि अंतरात्मा की आवाज पर विधायक उनका साथ देंगे और चुनाव में उन्हें वोट देंगे. वही नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी का भी साफ तौर पर कहना है कि इस सरकार ने तमाम परंपराओं को तो पहले ही तोड़ दिया है और अब सदन की परंपरा को भी तार-तार कर रही है.

वही, सीएम योगी ने सपा के आरोपों पर कहा कि परंपरा को ही निभाया जा रहा है. योगी ने कहा कि नितिन अग्रवाल सपा के विधायक हैं. जब सपा उम्मीदवार नहीं दे पाई तब बीजेपी ने नितिन अग्रवाल को समर्थन दिया है.

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