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उ0प्र0 एवं उत्तराखण्ड के बीच लगभग 19 वर्षों से लम्बित चल रहे प्रकरणों का आज उचित समाधान हो गया: मुख्यमंत्री, उ0प्र0

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप सहकारी संघवाद का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तराखण्ड सरकार ने लम्बित मामलों को निस्तारित करने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि संवाद और आपसी सहमति से लम्बित प्रकरणों के समाधान में मदद मिलती है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तराखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के साथ एक बैठक में दोनों राज्यों के मध्य लम्बित प्रकरणों की संयुक्त रूप से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के बीच लगभग 19 वर्षों से लम्बित चल रहे प्रकरणों का आज उचित समाधान हो गया है। उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन प्रकरणों पर सहमति बनी है, उन्हें शीघ्र आकार दिया जाए।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने लम्बित मामलों का सकारात्मक समाधान किया है। इसके लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखण्ड के बीच सिंचाई, परिवहन, आवास, वन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, पर्यटन विभागों से सम्बन्धित मामलों की समीक्षा की गई।
परस्पर सहमति से लिए गए निर्णयों के अनुसार उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग को उत्तराखण्ड परिक्षेत्र में उपयोग हेतु आवश्यक भूमि/भवनों के आकलन के लिए, दोनों राज्यों के सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त सर्वे कर आख्या 15 दिन के अन्दर निर्णय हेतु प्रस्तुत की जाएगी। जनपद उधमसिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल तथा नानक सागर जलाशय में पर्यटन एवं जल क्रीड़ा हेतु अनुमति प्रदान की गई। इसके अलावा, पुरानी ऊपर गंग नहर में वॉटर स्पोर्ट्स की अनुमति भी दी गई। उत्तर प्रदेश का सिंचाई विभाग इस आशय के आदेश निर्गत करेगा। उत्तर प्रदेश वन निगम तथा उत्तराखण्ड वन निगम के मध्य विभाजन के बाद 31 मार्च, 2001 को संचित एवं आधिक्य मद की धनराशि के भुगतान के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के वन विभाग द्वारा 77.31 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। शेष लगभग 13 करोड़ रुपए की धनराशि को संयुक्त एस्क्रो एकाउण्ट में जमा कराया जाएगा, जिसका भुगतान सी0आई0टी0 ट्रिब्यूनल द्वारा देयता का निर्धारण करने के पश्चात तद्नुसार किया जाएगा।
बैठक में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की देयता का निर्धारण मार्च 2003 में प्रभावी सर्किल रेट एवं उस पर अब तक प्रभावी ब्याज को जोड़ते हुए किए जाने का निर्णय हुआ। परस्पर सहमति के आधार पर यह धनराशि 205.42 करोड़ रुपए दिये जाने की सहमति बनी। यह निर्णय हुआ कि उत्तराखण्ड राज्य द्वारा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, उत्तर प्रदेश को किए जाने वाले भुगतान 105.42 करोड़ रुपए का समायोजन इस धनराशि में कर लिया जायगा। शेष 100 करोड़ रुपए का भुगतान उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को किया जाएगा। यह भी निर्णय हुआ कि उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग इस सम्बन्ध में मा0 सर्वोच्च न्यायालय एवं उत्तराखण्ड परिवहन विभाग मा0 उच्च न्यायालय नैनीताल में विचाराधीन मुकदमों को वापस ले लेंगे।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा हरिद्वार स्थित नवनिर्मित अलकनंदा पर्यटक आवास गृह का औपचारिक लोकार्पण अगले माह किया जाना प्रस्तावित है। इस कार्यक्रम के समय ही औपचारिक रूप से पूर्व पर्यटक आवास गृह उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग को हस्तान्तरित कर दिया जाएगा।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार तथा उत्तराखण्ड सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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