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रकुलप्रीत-जैकी करने जा रहे हैं ईको-फ्रेंडली वेडिंग

बॉलीवुड एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह इसी महीने अपने लॉन्ग टाइम पार्टनर जैकी भगनानी के साथ सात फेरे लने को तैयार हैं। लॉकडाउन के दौरान रकुल और जैकी भगनानी की मुलाकात हुई थी। कुछ महीनों की डेटिंग के बाद अक्टूबर 2021 में उन्होंने अपने रिलेशनशिप को ऑफिशियल किया था और अब ये कपल अपनी रिलेशनशिप को अगल पायदान पर ले जाने की प्लानिंग कर रहा है मतलब शादी। सूत्रों की मानें तो यह कपल इंटीमेंट वेडिंग करेगा, जिसमें परिवार वालों के अलावा कुछ करीबी दोस्त शामिल होंगे।

रकुल-जैकी करेंगे ईको-फ्रेंडली वेडिंग
रकुल प्रीत सिंह और जैकी भगनानी 21 फरवरी को गोवा में डेस्टिनेशन वेडिंग करने वाले हैं। 19 फरवरी से शादी के फंक्शन्स शुरू हो जाएंगे। रकुल और जैकी ने हाई-फाई वेडिंग की जगह इको-फ्रेंडली वेडिंग का ऑप्शन चुना है। इस पहल की शुरुआत उन्होंने अपने करीबियों को डिजिकल कार्ड भेजकर की है। शादी में पटाखे भी नहीं जलाए जाएंगे। इसके अलावा, वे अपनी शादी के बाद पेड़ भी लगाने वाले हैं।

फुटप्रिंट के हिसाब से पेड़ लगाने की भी है प्लानिंग
रकुल प्रीत सिंह और जैकी भगनानी के वेडिंग में एक और जो खास चीज़ देखने को मिलेगी, वो है फुटप्रिंट के हिसाब से पेड़ लगाना। मतलब वो शादी में जितने कदम चलेंगे, उतने पेड़ लगाएंगे। एक्सपर्ट्स फुटप्रिंट मापेंगे। शादी के तुरंत बाद या एक दिन बाद इसकी प्लानिंग है। यह वाकई एक अनोखा कदम है उन लोगों तक ये मैसेज पहुंचाने को, जो अपनी शादी में करोड़ों का खर्चा करते हैं, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है।

आप भी ऐसे कर सकते हैं सस्टेनेबल वेडिंग की प्लानिंग

इन्विटेशन
शादी के लिए लोग तरह-तरह के कार्ड छपवाते हैं, जिसे बड़े से तमाम तरह के तामझाम के साथ करीबी दोस्तों-रिश्तेदारों को बांटते हैं। जिसका बहुत सारा हिस्सा कचरे में जाता है। जो पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं होता, तो आप अपनी शादी में ई-इन्विटेशन का ऑप्शन चुन सकते हैं। इसके लिए पुराने पारंपरिक तरीके को अपना सकते हैं। जिसमें बीज पत्र में हल्दी और कुमकुम के साथ विवाह से जुड़ी सूचनाएं लिखी होती थीं। इस्तेमाल के बाद यह कार्ड जमीन या गमले में डाला जा सकता है और इससे नए पौधे तैयार किए जा सकते हैं।

वेन्यू
शादी के लिए जगह का चुनाव सस्टेनेबिलिटी तय करने का सबसे जरूरी हिस्सा है। खासकर तब अगर आप डेस्टिनेश वेडिंग कर रहे हैं। इसके लिए ऐसी जगह चुनें, जहां कम से कम सजावट, लाइट्स और बिना शोरगुल के भी शादी की रौनक को बरकरार रखा जा सके। डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए अपने देश में ही किसी खूबसूरत जगह की तलाश करें।

फूड
शादी-ब्याह में फूड वेस्टेज पर बात करना बहुत ही जरूरी है। आपको बता दें कि नॉर्मल शादी लगभग 200 किलोग्राम का फूड वेस्टेज उत्पन्न करती है और परोसे गए खाने का 10-30 फीसदी हिस्सा कचरे में जाता है। बेहतर होगा कि आप पहले ही आसपास के एनजीओ के साथ मिलकर बचे हुए फूड को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए बात कर लें, जिससे इस बर्बादी को रोका जा सके। सर्विंग स्टाफ से सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग फेंकने जैसी छोटी बात भी डिस्कस कर लें। यकीन मानिए इस छोटे प्रयास से आप पर्यावरण को सुरक्षित रखने में काफी बड़ी मदद कर पाएंगे।

सर्विंग यूटेंसिल्स

विवाह में डिशेज सर्व करने के लिए जिन ऑप्शन्स का इस्तेमाल किया जाता है उससे लगभग 300 किलोग्राम के लगभग प्लास्टिक कचरा होता है। इस कचरे का बहुत बड़ा हिस्सा सिंगल यूज के प्लेट्स, कप्स और कटलरी से आता है, तो आप कैटरर्स से मिलकर रियूजेबल कटलरी रखने का प्लान करें। सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल की पूरी तरह से अवॉयड करें। प्लास्टिक की वॉटर बॉटल्स की जगह वॉटर फिल्टर, मिट्टी के ग्लास रखवाएं।

सजावट

शादी के डेकोरेशन के लिए प्लास्टिक के फूलों की जगह ताजे फूलों का इस्तेमाल करें। एक तो ये देखने में भी ज्यादा खूबसूरत लगते हैं और साथ ही खूशबू भी बिखेरेंगे। वेडिंग में गेंदे, गुलाब जैसे फूलों को शामिल करें, जो मिट्टी में मिलकर नए पौधे तैयार करते हैं। वहीं एनजीओ के साथ मिलकर इस्तेमाल फूलों से धूप, अगरबत्ती या ऐसे ही दूसरी चीज़ों को तैयार करने की प्लानिंग कर सकते हैं।

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