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बाबरी मस्जिद विध्वंस – घटना या साजिश?

6 दिसंबर 1992 को हिंदू कार सेवकों की एक बड़ी भीड़ ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में वर्षों पुरानी बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया. कहा जाता है क‍ि साइट पर एक राजनीतिक रैली के हिंसक हो जाने के बाद विध्वंस हुआ. वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट प्रवीण जैन की मानें तो बाबरी को


विश्व हिन्दू परिषद् के नेता बी. एल. शर्मा (प्रेम) जो क‍ि प्रवीण जैन के मित्र भी थे, उन्होंने जैन को अयोध्या बुलाया था. प्रवीण 4 की सुबह अयोध्या पहुंचे और वहां उन्होंने जो देखा, वो चौंकाने वाला था. जैन ने देखा क‍ि बाबरी मस्जिद को गिराने की पूरी रिहर्सल चल रही थी. कार सेवकों की बड़ी भीड़ मस्जिद को चारों ओर से घेरे हुई थी और अलग-अलग औजारों की मदद से मस्जिद को ध्वस्त करने की पूरी प्रैक्टिस की जा रही थी.

5 द‍िसंबर की तारीख को मीडिया की एंट्री मस्जिद में बिलकुल बैन थी, लेक‍िन अपने VHP मित्र की मदद से पास लेकर प्रवीण अंदर पहुंचे. प्रवीण से कुछ लोगों ने उनके बारे में पूछा भी पर वह किसी तरह, पास की मदद से सेफ रहे. बाबरी मस्ज‍िद में प्रवीण ने कई लोगों को देखा और तस्वीर में उनको चुपके से कैद भी क‍िया. तस्वीर में अपना चेहरा ढके हुए एक ऐसे व्यक्ति को भी प्रवीण ने कैद किया जो उनके मुताब‍िक सरकार का आदमी था-कोई इंजीनियर या मुख्य व्यक्ति.

प्रवीण 5 दिसंबर को बाबरी मस्जिद ध्वंस की र‍िहर्सल को अपने कैमरे में कैद करने वाले इकलौते पत्रकार थे. प्रवीण बताते हैं क‍ि उन्होंने उस दिन के घटनाक्रम को कई लोगों के साथ शेयर किया, अपने पायन‍ियर अखबार के एडिटर के साथ भी, लेकिन किसी ने भी उनकी बात पर विश्वास नहीं किया. जब मस्जिद को 6 तारीख को ध्वस्त कर दिया गया तो उसके बाद ही लोगों ने प्रवीण की कहानी पर विश्वास क‍िया. प्रवीण ने ये घटना 7 तारीख को अपने पेपर में भी शेयर की.

प्रवीण का मानना है क‍ि अगर बाबरी मस्जिद को गिराना पहले से योजनाबद्ध न होता तो डैमेज और ज़्यादा होता. इसलिए वह मानते हैं क‍ि बाबरी ध्वंस, पहले से ही योजनाबद्ध था. अब प्रवीण वर्षों से कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं. सारी तस्वीरें और सबूत है. पर आज भी उनसे कहा जाता है क‍ि वह अयोध्या में उस दिन कभी थे ही नहीं.

बता दें क‍ि बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले 30 नवंबर 1992 को लालकृष्ण आडवाणी ने मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या जाने का ऐलान किया था. 5 दिसंबर 1992 की शाम केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि अयोध्या में कुछ नहीं होगा. तत्कालीन पीएम पीवी नरसिम्हा राव को यूपी के सीएम कल्याण सिंह के उस बयान पर ज्यादा भरोसा था, जिसमें उन्होंने बाबरी मस्जिद की सुरक्षा की बात कही थी. हालांकि, इस दौरान खुफिया एजेंसियां कारसेवकों के बढ़ते गुस्से के बारे में बता चुकी थीं. फ‍िर भी बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया. इसके कुछ घंटे बाद ही यूपी के सीएम कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया था.

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