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उत्‍तराखंड इस मामले में बना देश का पहला राज्‍य, प्रदेश में अब सिर्फ पैदा होंगी बछियां

 उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसका अमेरिका की एक कंपनी इनगुरान के साथ एक एमयूओ साइन हुआ है. इसमें वो सीमेन से क्रोमोसोम को अलग-अलग कर ऐसे तकनीक विकसित करेंगे, जिससे आने वाले दिनों में बछिया ही पैदा होंगी, ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि उत्तराखंड में आवारा पशुओं के आतंक से जनता को निजात मिल सके.

आवारा जानवरों के आतंक पर रोक लगाने के लिए पशुपालन विभाग एक नई पहल करने जा रहा है. बछड़ो की अधिकता को देखते हुए सीमेन से एक्सएक्स और एक्सवाई क्रोमोसोम्स को अलग-अलग कर नई तकनीक विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में 90 फीसदी बछिया ही पैदा होंगी. 
 
ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि बछड़ो की उपयोगिता बिल्कुल खत्म सी हो गई है, जिसके चलते वह आवारा पशु बनकर जमकर आतंक मचा रहे हैं. अगर सीमेन के जरिये क्रोमोसोम्स अलग कर बछिया ही पैदा होती रही तो, आम जनता को इन्हें पालने में कोई हिचक नहीं होगी और आवारा पशुओं का आतंक भी कम होगा.

अपर निदेशक पशुपालन पीसी कांडपाल के मुताबिक, अगले वित्तीय वर्ष से उत्तराखंड में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा, जिससे उम्मीद की जा सकती है कि यदि 90 फीसदी बछिया पैदा होती हैं. तो किसानों की आय में भी अच्छी वृद्धि होंगी. 

उन्होंने बताया कि सेक्स सॉर्टेड सीमेन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे xy क्रोमोसोम्स को अलग कर ज्यादातर बछिया ही पैदा होंगी. उत्तराखण्ड में अगर यह प्रक्रिया उत्तराखंड में सफल रही तो उम्मीद की जानी चाहिए की आवारा पशुओं के आतंक से जनता को निजात मिलेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी. 

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