उत्तर प्रदेशप्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्यपाल के भीतर संविधान नहीं…

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को बहुत गुस्से में थे। सरकारी बंगले में तोडफ़ोड़ को लेकर उठे विवाद पर चौतरफा घिरे अखिलेश ने राज्य सरकार और भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि बंगले में उन्होंने तोडफ़ोड़ नहीं कराई। वह तो केवल वही सामान ले गए जो अपने पैसे से लगवाया था। उपचुनाव में हार से बौखलाई सरकार उनकी छवि खराब करने की साजिश कर रही है। अखिलेश कानूनी कार्रवाई करने के लिए सरकार को चिट्ठी लिखने वाले राज्यपाल राम नाईक के खिलाफ भी आग उगलने से नहीं चूके। 

नशेड़ी और गंजेड़ी जैसे शब्दों का इस्तेमाल 

सपा मुख्यालय पर पत्रकार वार्ता में अखिलेश ने नशेड़ी और गंजेड़ी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से भी परहेज नहीं किया। उनके हाथ में दो नई टोंटियां देख सब हैरान रह गए। अखिलेश बोले, ‘जो टोंटी गायब मिली हैं, वे लौटाने आया हूं। मैं सारी टोंटियां देने को तैयार हूं ताकि उनकी नफरत कम हो। यूपी के राज्यपाल राम नाईक पर अखिलेश ने तंज किया कि, ‘सोए हुए लोग भी जाग गए हैं। राज्यपाल अच्छे आदमी हैं, लेकिन उनके भीतर संविधान नहीं, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की आत्मा है। जांच के बाद जल्द ही उनको सच्चाई का पता चल जाएगा।’ मुझे भी रिपोर्ट का इंतजार है जिससे चले कि सरकारी संपत्ति को कितना नुकसान पहुंचा। 

बंगले के मामले में सच्चाई छिपायी जा रही

प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री पर रिश्वत के आरोप पर अखिलेश ने कहा कि पुलिस ने एक दिन में ही ऐसा कमाल कर दिखाया कि शिकायत करने वाले ने स्वीकार कर लिया कि उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि बंगले के जो फोटो दिखाए जा रहे हैं, उनमें सच्चाई छिपायी जा रही है। अखिलेश ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री आवास में मेरा बहुत सामान बचा है, सरकार वह भी लौटा दे। उन्होंने अपने पैसे से बनवाये गए मंदिर, जाली व सहारनपुर की लकड़ी की नक्काशी और फ्लोरिंग को भी गिनाया। उनका कहना था कि भाजपा को उसके हर खेल में उन्हें हरा देंगे। भाजपा गठबंधन से डर गई है। 

पसंद से बनवाया था बंगला

पूर्व मुख्यमंत्री का सरकारी बंगले के प्रति लगाव भी झलका। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी पसंद से बंगला बनवाया था। जब किसी घर में इंसान रहने लगता है, तो उससे लगाव हो जाता है। फिर घर तो अपने हिसाब से बनवाया जाता है। मैंने अपने पैसे से अपनी जरूरतें पूरी कीं। पूर्व सीएम को सरकारी आवास मिलता है तो वह अपने हिसाब से बदलाव कर सकता है। मकान देने का कानून भी हमने बनवाया।’ बंगले में स्विमिंग पूल की बात खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि सवा साल में मेरे घर में एक हजार बच्चे आए होंगे। उनसे पूछो कहां है स्विमिंग पूल? जो स्विमिंग पूल है ही नहीं, उस पर खबर बना दी गई कि पूल पर मिट्टी डाल दी। 

वे बंगले से चिलम भी निकाल देंगे

सपा प्रमुख का गुस्सा मीडिया के अलावा सीएम कार्यालय के दो अधिकारियों को लेकर भी था। उन्होंने कहा कि लोग जलन में अंधे हो गए हैं। जांच करा लेंगे तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। ‘बंगला खाली होने के बाद मुख्यमंत्री के ओएसडी अभिषेक और सचिव मृत्युंजय नारायण वहां गए थे। वे वहां क्या करने गए थे? वे लोग फोटोग्राफर लेकर गए थे।’ उन्होंने मीडिया पर निशाना साधा, मैं भी अच्छी तस्वीरें खींचता हूं, ऐसी तस्वीरें खींचूंगा कि लोगों को जलन होगी। कल को हमारी सरकार बनी तो हो सकता है कि यही अफसर दिखा दें कि बंगले (पांच, कालीदास मार्ग) में चिलम मिली है। 

जनता लेगी मेरा बदला

गुस्साए अखिलेश ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूं, लखनऊ में ही रहना चाहता हूं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अगला प्रधानमंत्री तय करेंगे और मेरे अपमान का बदला जनता लेगी। उन्होंने योगी सरकार को छोटे दिल वाली बताया। कहा, ‘ यह सरकार मेट्रो के उद्घाटन पर पूर्ववर्ती सरकार को श्रेय देना भूल जाती है। आलमबाग बस अड्डे निर्माण में समाजवादी सरकार का योगदान रहा है।’ 

भाजपाइयों के बिस्तर पर नहीं सो सकता

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपना निजी आवास नहीं होने की व्यथा बतायी। कहा, ‘अब जो मुख्यमंत्री बनेगा वह सबसे पहले लखनऊ में सबसे बड़ा प्लॉट ढूंढ़ेगा। मैं तो किराये के मकान में हूं।’ वीवीआइपी गेस्ट हाउस में नहीं रहने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस बिस्तर पर भाजपाई सोते हों, वहां वह कैसे सो सकते है? उन्हें केवल सफेद रंग पसंद है, नीला व भगवा नहीं।

Related Articles

Back to top button