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पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिन के लिए सीबीआई कस्टडी में भेजा

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को  सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत  कोर्ट  ने 3 दिन के लिए सीबीआई कस्टडी में रहने को कहा . साथ ही कोर्ट ने  यह भी कहा है कि पी. चिदंबरम  ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए जाएं. इससे पहले उनके  वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है कि पूर्व वित्त मंत्री 76 साल के हैं उनको तिहाड़ जेल न भेजा जाए. उनको  उनके लिए घर पर ही  नजरबंद रखा जाए . उनको गिरफ्तारी से छूट दी जाए और बेल के लिए आवेदन करने दिया जाए.

वहीं सीबीआई का कहना है कि इस पर फैसला ट्रायल कोर्ट को करना चाहिए और पी. चिदंबरम  को किसी भी तरह का संरक्षण न मिले. उनके वकील  कपिल सिब्बल ने दलील दी कि लालू के केस में सीधे सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी. अगर सरंक्षण नहीं दिया गया तो ये याचिका प्रभावहीन हो जाएगी. इस पर सीबीआई ने कहा कि  यह नहीं हो सकता यह कानून में नहीं है ये ट्रायल कोर्ट का क्षेत्राधिकार है.

पी. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि रात 12 बजे के नोटिस पर कौन सा  फैसला. वहीं कोर्ट ने कहा कि हम हाउस अरेस्ट नहीं करेंगे तो सिब्बल ने कहा कि हमें अंतरिम जमानत दे दीजिए. तब कोर्ट ने कहा कि आप ट्रायल कोर्ट में बात रखिए. सिब्बल ने फिर कहा कि कोई भी शर्त लगा दीजिए आप संरक्षण दे दीजिए यह 2007 का केस है.  आपको बता दें कि पी. चिदंबरम पर आरोप है कि उनके वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश की सुविधा दी गई थी और बदले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के कंपनी को फायदा पहुंचाया गया था.

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